किसानों की मांगों पर सरकार का नरम रुख, क्या खत्म होगा किसान आंदोलन?
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की बॉर्डर पर पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन की समाप्ति से जुड़ी कोई बड़ी अपडेट आज सामने आ सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने के बाद अब किसानों द्वारा घर वापसी को लेकर आज किसान संगठनों की एक अहम बैठक रखी गई है। इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है।
दरअसल, न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि MSP की गारंटी पर कानून समेत किसानों की बाकी लंबित मांगों पर सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था, उसे संयुक्त किसान मोर्चा ने मान लिया है। ऐसे में अब कुछ देर में किसान संगठनों की एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इस बैठक में शामिल होने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंच गए हैं।
बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से जो नया प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें सरकार ने MSP पर जो समिति बनाई जाएगी, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को शामिल करने की बात मान ली है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी प्रस्ताव में लिखा है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेने पर सहमत हो गई हैं। साथ ही दिल्ली में भी किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज हैं, उन्हें भी वापस लिये जाने की बात कही गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के प्रस्ताव में साफ किया गया है कि राज्यों से एमएसपी पर फसलों की खरीद में कोई कमी नहीं की जाएगी। सरकार ने यह भी बताया है कि जब तक संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बात नहीं होती, तब तक बिजली संशोधन बिल को संसद में पेश नहीं किया जाएगा। सरकार ने यह भी बताया कि पराली जलाने को पहले ही अपराध मुक्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से सितंबर 2020 में तीन कृषि कानूनों को पास किया गया था। इन तीनों कृषि कानूनों को किसानों के लिए नुकसानदायक बताते हुए इनके खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी है। आंदोलन कर रहे किसानों द्वारों तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था। इसके बाद तीनों कृषि कानूनों की वापसी हो चुकी है। इसके बाद किसानों द्वारा एमएसपी पर कानून बनाए जाने समेत अन्य मांगों पर भी सरकार का नरम रुख दिखाया दिया है, जिसके बाद अब किसान आंदोलन को लेकर कोई अहम फैसला आने की उम्मीद की जा रही है।
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