कोरोना के बाद अब जल्द ही Robots ले लेंगे आपकी जगह? PayTM Cash Prize GIVEAWAY
कोरोना की दस्तक, फिर लॉकडाउन और अब अनलॉक के चलते लगने लगा है जैसे लोग कोरोना के साथ घुल-मिल गए हैं, इसके खतरे को भूलने लगे हैं। लेकिन शायद ये आप भी जानते होंगे कि कोरोना के साथ एक और खतरा इंसानों के लिए आया है, जिसका सामना अब तक कई लोग कर चुके हैं और उसका शिकार भी बन चुके हैं। ये खतरा कई इंसानों के लिए कोरोना से भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि कोरोना का इलाज तो देरसवेर ढूंढ ही लिया जाएगा, लेकिन उस खतरे का क्या, जो इंसानों की जगह पर जल्द ही अपना कब्जा जमाने वाला है।
वैसे भी कोरोना की एंट्री के बाद इस दिशा में किये जाने वाले प्रयास और भी तेज हो गए हैं, जिसके चलते इंसानों के लिए शायद कोरोना से भी बड़ा संकट जल्द ही पैदा हो सकता है। भले ही ये अच्छा हो या फिर बुरा, लेकिन ये सच है कि कोरोना के आने के बाद पूरी दुनिया और उसमें रहने वाले इंसानों का जीवन पूरी तरह से बदल चुका है, जबकि इंसानों की जगह पर बहुत बड़ा बदलाव होना तो अभी बाकी है। ऐसे में जानते हैं कि कोरोना के बाद अब इंसानों पर कौनसा बड़ा खतरा मंडरा रहा है और दुनिया पर इसका कितना असर पड़ने वाला है।
कोविड-19 की चपेट में आने के बाद शायद दुनिया, इंसानों पर मंडरा रहे एक और ख़तरे के बारे में भूलती जा रही है और ये खतरा है कोरोना वायरस की एंट्री के बाद पूरी दुनिया में तेज़ी से हो रही रोबोट की एंट्री। जी हां, भले ही ये ठीक हो या फिर गलत, लेकिन ये सच है कि अब जल्द ही कई तरह के कामों में रोबोट ही इंसानों की जगह लेने जा रहे हैं, जिसके चलते कई तरह की। नौकरियों में काम करने वाले लोगों के लिए और भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
अभी तक आमतौर पर यही कहा जाता रहा है कि लोग अपने आसपास की एक्टीविटीज में इंसानों का अहसास तलाशते हैं, लेकिन अब कोरोना की दस्तक और इसके असर ने जहां सब-कुछ बदलकर रख डाला है, तो भला लोगों की सोच और समझ भी तो बदलनी ही थी। लोग अब अपने आसपास कम से कम लोगों की मौजूदगी चाहने लगे हैं और संभवतया रोबोट ही इसका हल भी बन सकते हैं। जबकि कई कामों में तो अब इंसानों की जगह रोबोट ही काम पर लगाए जा चुके हैं और कई काम ऐसे भी हैं, जहां बरसों से काम कर रहे लोगों को भी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए परमानेंट छुट्टी दे दी गई है।
ऐसे में ये तय है कि आने वाले वक्त में ये रोबोट अर्थव्यवस्था का भी एक अहम हिस्सा हो जाएंगे। ऐसा होने से यकीनन रोबोट की मांग भी बढ़ने वाली है, जिसके चलते ऑटोमेशन के लिए भी नए अवसर खुल जाएंगे।
लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है, जो कई लोगों के लिए किसी संकट से कम नहीं होगा। क्योंकि रोबॉट के आ जाने से कई लोगों की नौकरियां भी चली जाएंगी। एक बार जहां कामगारों की जगह लेने में रोबोट ने कामयाबी हासिल कर ली तो फिर इसकी संभावना शायद ही हो कि कंपनी फिर उस जगह के लिए किसी इंसान को रखे। हालांकि रोबोट को बनाने और उसका कॉमर्शियल इस्तेमाल किए जाने के लिए ख़र्च ज़रूर ज़्यादा होगा, लेकिन जैसे ही एक बार रोबोट तैयार होकर अपना काम शुरू कर देगा, वैसे ही यह रोबोट किसी मानव श्रम से सस्ता होने लग जाएगा।
क्या इंसानों की बराबरी कर पाएंगे ये रोबोट?
रोबोट की संभावनाओं को लेकर संशय जताने वाले लोगों का मानना है कि कई तरह की नौकरियों में रोबोट की तुलना में इंसानों की ही बढ़त बरकरार रहेगी, लेकिन कोरोना ओर लॉकडाउन से उपजे हालातों के बाद तस्वीर काफी कुछ बदल चुकी है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग घर बैठे ही ज्यादातर कामों में ऑनलाइन सुविधाएं लेने के कारण शायद पहले से कई अधिक आरामदेह और आरामपसंद हो गए हैं, जिसके चलते सामने दिखाई दे रहे भविष्य से फिलहाल तो बदली हुई ऑटोमेशन की ही प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही है।
वैसे भी कोरोना की एंट्री के बाद इस दिशा में किये जाने वाले प्रयास और भी तेज हो गए हैं, जिसके चलते इंसानों के लिए शायद कोरोना से भी बड़ा संकट जल्द ही पैदा हो सकता है। भले ही ये अच्छा हो या फिर बुरा, लेकिन ये सच है कि कोरोना के आने के बाद पूरी दुनिया और उसमें रहने वाले इंसानों का जीवन पूरी तरह से बदल चुका है, जबकि इंसानों की जगह पर बहुत बड़ा बदलाव होना तो अभी बाकी है। ऐसे में जानते हैं कि कोरोना के बाद अब इंसानों पर कौनसा बड़ा खतरा मंडरा रहा है और दुनिया पर इसका कितना असर पड़ने वाला है।
कोविड-19 की चपेट में आने के बाद शायद दुनिया, इंसानों पर मंडरा रहे एक और ख़तरे के बारे में भूलती जा रही है और ये खतरा है कोरोना वायरस की एंट्री के बाद पूरी दुनिया में तेज़ी से हो रही रोबोट की एंट्री। जी हां, भले ही ये ठीक हो या फिर गलत, लेकिन ये सच है कि अब जल्द ही कई तरह के कामों में रोबोट ही इंसानों की जगह लेने जा रहे हैं, जिसके चलते कई तरह की। नौकरियों में काम करने वाले लोगों के लिए और भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
अभी तक आमतौर पर यही कहा जाता रहा है कि लोग अपने आसपास की एक्टीविटीज में इंसानों का अहसास तलाशते हैं, लेकिन अब कोरोना की दस्तक और इसके असर ने जहां सब-कुछ बदलकर रख डाला है, तो भला लोगों की सोच और समझ भी तो बदलनी ही थी। लोग अब अपने आसपास कम से कम लोगों की मौजूदगी चाहने लगे हैं और संभवतया रोबोट ही इसका हल भी बन सकते हैं। जबकि कई कामों में तो अब इंसानों की जगह रोबोट ही काम पर लगाए जा चुके हैं और कई काम ऐसे भी हैं, जहां बरसों से काम कर रहे लोगों को भी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए परमानेंट छुट्टी दे दी गई है।
ऐसे में ये तय है कि आने वाले वक्त में ये रोबोट अर्थव्यवस्था का भी एक अहम हिस्सा हो जाएंगे। ऐसा होने से यकीनन रोबोट की मांग भी बढ़ने वाली है, जिसके चलते ऑटोमेशन के लिए भी नए अवसर खुल जाएंगे।
लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है, जो कई लोगों के लिए किसी संकट से कम नहीं होगा। क्योंकि रोबॉट के आ जाने से कई लोगों की नौकरियां भी चली जाएंगी। एक बार जहां कामगारों की जगह लेने में रोबोट ने कामयाबी हासिल कर ली तो फिर इसकी संभावना शायद ही हो कि कंपनी फिर उस जगह के लिए किसी इंसान को रखे। हालांकि रोबोट को बनाने और उसका कॉमर्शियल इस्तेमाल किए जाने के लिए ख़र्च ज़रूर ज़्यादा होगा, लेकिन जैसे ही एक बार रोबोट तैयार होकर अपना काम शुरू कर देगा, वैसे ही यह रोबोट किसी मानव श्रम से सस्ता होने लग जाएगा।
क्या इंसानों की बराबरी कर पाएंगे ये रोबोट?
रोबोट की संभावनाओं को लेकर संशय जताने वाले लोगों का मानना है कि कई तरह की नौकरियों में रोबोट की तुलना में इंसानों की ही बढ़त बरकरार रहेगी, लेकिन कोरोना ओर लॉकडाउन से उपजे हालातों के बाद तस्वीर काफी कुछ बदल चुकी है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग घर बैठे ही ज्यादातर कामों में ऑनलाइन सुविधाएं लेने के कारण शायद पहले से कई अधिक आरामदेह और आरामपसंद हो गए हैं, जिसके चलते सामने दिखाई दे रहे भविष्य से फिलहाल तो बदली हुई ऑटोमेशन की ही प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही है।
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