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दौड़ मत लगाओ, आसमान की ऊंचाइयां छूते हुए उस उड़ान का आन्नद लो : गौरव वल्लभ

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जयपुर। अपने जीवन में जटिलतायें न बनायें या जटिल बनाने की कोशिश न करें। कुछ ऐसा करो जो बुनियादी, सहजपूर्ण हो यानी आप अपने द्वारा किये गये कार्य के साथ न्याय कर सको, चाहे वह अपने संबंधियों के लिए हो अथवा अपने देश के लिए हो। कोई भी बड़ा निर्णय लेने से न डरें। अपने सगे-संबंधियों के साथ एक उत्तमता से भरा समय बितायें। जीवन एक मैराथन दौड़ है, इसे बहुत तेजी से पूरा करने की कोशिश न करें। इन पाँच बातों के द्वारा श्री गौरव वल्लभ, कांग्रेस प्रवक्ता ने आज के युवाओं को जीवन के महत्व को समझाते हुए कहीं। 

वल्लभ ने यह बातें युवा दिवस के उपलक्ष में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 'यूथ कॉन्क्लेव - द रेवरी रेप्सौडी' कार्यक्रम में कही। उन्होंने जीवन के महत्व को समझाने के लिए कई उदाहरण दिये, जैसेः स्वामी विवेकान्नद की तरह सभी को अपने जीवन को सरल रखना चाहिए। आसमान की ऊँचाईयों को छुकर उस उड़ान का आन्नद लो, किन्तु दौड़ मत लगाओ। 

उन्होंने कहा कि किसी भी काम को करने के लिए ज्यादा दौड़-भाग या गणित लगाने से वह गलत ही होता है। इसलिए जो भी करो तथा जो अपको अच्छा लगता हो करो, लेकिन अच्छा करो तथा चीजों को सरल रखो एवं सिर्फ और सिर्फ अपनी बुनियादी प्रकृति की सुनो। 99 प्रतिशत लोग भविष्य में आगे की चाजें नहीं देख सकते या सोच सकते, उन्हें गहरी सोच की समस्या रहती है।

इस अवसर पर डॉ. पंकज गुप्ता, प्रेसिडेंट, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने कहा कि, जब आप शुद्ध इरादे से रहते हैं, तो अपके जीवन में जादू होन लगता है। सबके भीतर एक दिव्य ज्योती होती है। आप जैसे भी हैं, अपको स्वयं से प्यार करना चाहिए। अपने आप में अपका विश्वास वही है जो आप हैं। असली ताकत युवाओं के साथ है जो एक उज्जवल भविष्य बना सकते हैं। 

स्वामी संतआत्मनन्दा, वरिष्ठ साधु, रामकृष्ण मिशन, दिल्ली सेन्टर ने सहज ज्ञान युक्त और परिवर्तनकारी नेतृत्व के बारे में बात करते हुए कहा कि, सभी को अपने समय पर प्रिमीयम लगाना चाहिए क्योंकि यह बहुत मूल्यवान है। किसी देश के उत्थान के लिए, उस देश का शिक्षित होना जरूरी है।
इस अवसर पर तेन्जीन कॅालसंग, एक्टिविस्ट एवं सह-संस्थापक, ड्रोकमो एक महिलावादी हैं जो लैंगिक मुद्दों पर काम करतीं हैं ने शिक्षित करें, सक्षत करें और सशक्त करें पर बोलते हुए कहा कि, एक शिक्षित व्यक्ति कई समस्याओं को हल कर सकता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक युवा एक-दुसरे की मदद करके अपना जीवन कैसे बदल सकता है। हम सभी कई लोगों के सहयोग एवं योगदान से बने हैं, इसलिए हमें दूसरों को भी बनाने में योगदान करने की आवश्यकता है।

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