टीन शेड के नीचे संचालित हैं 8 कक्षाएं, विद्यालय के पास नहीं है अपनी भूमि
बून्दी । ( राजेन्द्र नागर )ग्राम पंचायत के अरियाली गांव में संचालित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के पास भवन की कमी के चलते 8 कक्षाएं टीन शेड के नीचे संचालित हो रही है। जानकारी अनुसार करवर पंचायत के अरियाली गांव में 1967 में बरजी बाई बैरागी की खातेदारी भूमि में सरकार ने प्राथमिक विद्यालय खोला था जिस पर 1977 में दो कमरों का निर्माण कराकर विद्यालय संचालित किया जा रहा था। 42 साल गुजरने के बाद भी सरकार द्वारा विद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई और विद्यालय को 2006 में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत कर दिया लेकिन भवन के अभाव में वर्तमान में 8 कक्षाएं टीन शेड के नीचे संचालित करने की विद्यालय प्रशासन के सामने मजबूरी बनी हुई है ।
यहां विद्यालय में दो कक्ष बने हुए हैं जिसमें एक कक्ष तो प्रधानाध्यापक व स्टाफ के उपयोग में आ रहा है वहीं दूसरा कक्ष पोषाहार व भंडारण के काम लिया जा रहा है ऐसे में कक्षाएं संचालित करने के लिए पिछले सालों विधायक कोष से लगाए टीन शेड के नीचे संचालित करनी पड़ रही है । ग्रामीण रमेश मीणा, पोखर मल मीणा, छोटू लाल गुर्जर, किशन ने बताया कि विद्यालय भवन के लिए जमीन आवंटित करने को लेकर जिला कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी भूमि आवंटन नहीं होने से परेशानी हो रही है एक बार फिर ग्रामीणों ने विद्यालय के लिए अलग से भूमि आवंटन कराने की मांग की है।
भूमि की दरकार
करवर। अरियाली उच्च प्राथमिक विद्यालय एक निजी खातेदारी भूमि में संचालित है वही विद्यालय के पास ना तो खेल मैदान है, ना परिसर बड़ा है इसके चलते छोटे से परिसर में विद्यालय के संचालन की मजबूरी बनी हुई है । इसलिए विद्यालय के लिए अलग से भूमि आवंटन किया जाए तो जहां विद्यालय का विकास हो सकेगा व इसका ग्रामीणों को लाभ मिल सकता है।
क्या है समाधान
करवर। विद्यालय स्टाफ व ग्रामीणों की माने तो विद्यालय के लिए अलग से भूमि नहीं मिलने की स्थिति में वर्तमान में संचालित विद्यालय को दो मंजिला किया जाए तो कुछ हद तक छात्रों को शिक्षण के लिए सुविधाएं मुहैया हो सकती है ।
भवन की कमी से घट रहा नामांकन
अरियाली विद्यालय के पास भूमि के कमी के चलते कक्षा कक्ष का निर्माण नहीं होने से यहां दिनों दिन नामांकन घटता जा रहा है यहां पर 53 विद्यार्थी अध्यनरत हैं । 2014 में सरकार ने बैरवा बस्ती प्राथमिक विद्यालय व बंजारा बस्ती प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज करने से गांव से बंजारा बस्ती के दूरी अधिक होने से छात्रों का नामांकन अन्य जगह पर जाकर अपना नाम जुड़वाना पड़ा वहीं विद्यार्थियों ने शिक्षा से वंचित है । ग्रामीण गजानंद बंजारा ने बताया कि विद्यालय को वापस संचालन की जरूरत है यदि बंजारा बस्ती में भवन होने के बाद भी यहां विद्यालय का संचालन हो तो बस्ती के छात्रों को पढ़ने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध हो सकता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
राजस्व विभाग से विद्यालय के लिए भवन के लिए उचित जगह की जानकारी कर भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन का प्रयास किया जाएगा।
दीनदयाल शर्मा ग्राम विकास अधिकारी करवर
मौजूदा भवन में दो मंजिला बनाया जाए तो कुछ हद तक समस्या से छुटकारा मिल सकता है, फिर भी मौजूद भवन में कक्षाएं संचालित की जा रही है।
राजकुमार जैन प्रधानाध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अरियाली
विद्यालय को भूमि आवंटन कराने के प्रयास किए जा रहे हैं ,भूमि की तलाश के लिए राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा है।
सुनीता नागर सरपंच ग्राम पंचायत करवर।
ग्राम पंचायत व ग्रामीण चाहेंगे तो विद्यालय के लिए भुमि तलाशने में पूरा सहयोग किया जाएगा ।
सुमन पोटर हल्का पटवारी करवर
विद्यालय के लिए भूमि की जरूरत है । इसके लिए लंबे अरसे से ग्रामीण प्रयास कर रहे हैं।
रामनारायण गुर्जर विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष अरियाली
यहां विद्यालय में दो कक्ष बने हुए हैं जिसमें एक कक्ष तो प्रधानाध्यापक व स्टाफ के उपयोग में आ रहा है वहीं दूसरा कक्ष पोषाहार व भंडारण के काम लिया जा रहा है ऐसे में कक्षाएं संचालित करने के लिए पिछले सालों विधायक कोष से लगाए टीन शेड के नीचे संचालित करनी पड़ रही है । ग्रामीण रमेश मीणा, पोखर मल मीणा, छोटू लाल गुर्जर, किशन ने बताया कि विद्यालय भवन के लिए जमीन आवंटित करने को लेकर जिला कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी भूमि आवंटन नहीं होने से परेशानी हो रही है एक बार फिर ग्रामीणों ने विद्यालय के लिए अलग से भूमि आवंटन कराने की मांग की है।
भूमि की दरकार
करवर। अरियाली उच्च प्राथमिक विद्यालय एक निजी खातेदारी भूमि में संचालित है वही विद्यालय के पास ना तो खेल मैदान है, ना परिसर बड़ा है इसके चलते छोटे से परिसर में विद्यालय के संचालन की मजबूरी बनी हुई है । इसलिए विद्यालय के लिए अलग से भूमि आवंटन किया जाए तो जहां विद्यालय का विकास हो सकेगा व इसका ग्रामीणों को लाभ मिल सकता है।
क्या है समाधान
करवर। विद्यालय स्टाफ व ग्रामीणों की माने तो विद्यालय के लिए अलग से भूमि नहीं मिलने की स्थिति में वर्तमान में संचालित विद्यालय को दो मंजिला किया जाए तो कुछ हद तक छात्रों को शिक्षण के लिए सुविधाएं मुहैया हो सकती है ।
भवन की कमी से घट रहा नामांकन
अरियाली विद्यालय के पास भूमि के कमी के चलते कक्षा कक्ष का निर्माण नहीं होने से यहां दिनों दिन नामांकन घटता जा रहा है यहां पर 53 विद्यार्थी अध्यनरत हैं । 2014 में सरकार ने बैरवा बस्ती प्राथमिक विद्यालय व बंजारा बस्ती प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज करने से गांव से बंजारा बस्ती के दूरी अधिक होने से छात्रों का नामांकन अन्य जगह पर जाकर अपना नाम जुड़वाना पड़ा वहीं विद्यार्थियों ने शिक्षा से वंचित है । ग्रामीण गजानंद बंजारा ने बताया कि विद्यालय को वापस संचालन की जरूरत है यदि बंजारा बस्ती में भवन होने के बाद भी यहां विद्यालय का संचालन हो तो बस्ती के छात्रों को पढ़ने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध हो सकता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
राजस्व विभाग से विद्यालय के लिए भवन के लिए उचित जगह की जानकारी कर भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन का प्रयास किया जाएगा।
दीनदयाल शर्मा ग्राम विकास अधिकारी करवर
मौजूदा भवन में दो मंजिला बनाया जाए तो कुछ हद तक समस्या से छुटकारा मिल सकता है, फिर भी मौजूद भवन में कक्षाएं संचालित की जा रही है।
राजकुमार जैन प्रधानाध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय अरियाली
विद्यालय को भूमि आवंटन कराने के प्रयास किए जा रहे हैं ,भूमि की तलाश के लिए राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा है।
सुनीता नागर सरपंच ग्राम पंचायत करवर।
ग्राम पंचायत व ग्रामीण चाहेंगे तो विद्यालय के लिए भुमि तलाशने में पूरा सहयोग किया जाएगा ।
सुमन पोटर हल्का पटवारी करवर
विद्यालय के लिए भूमि की जरूरत है । इसके लिए लंबे अरसे से ग्रामीण प्रयास कर रहे हैं।
रामनारायण गुर्जर विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष अरियाली
No comments