बीएसडीयू ने किया 3डी प्रिंटिंग-एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर वर्कशॉप का आयोजन
जयपुर। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने ईओएस के साथ मिलकर डिजाइन फॉर एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग एंड डेटा प्रिपरेशन फॉर मेटल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया है। दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत 6 जून को हुई, जबकि इसका समापन 7 जून को हुआ। कार्यशाला में शैक्षिक संस्थानों, निजी और सरकारी क्षेत्र, नागरिक समाज के विभिन्न शोधकर्ता, पेशेवर और नीति निर्माता शामिल हुए। विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के अलावा, उन्होंने पिछले वर्षों में विनिर्माण में प्रोटोटाइप के परिवर्तन और विकास के बारे में चर्चा की।
बीएसडीयू के वाइस चांसलर डॉ. (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला के उद्घाटन संबोधन के साथ शुरू हुई कार्यशाला में प्रतिभागियों के लिए विभिन्न तकनीकी सत्र भी रखे गए हैं। कार्यशाला के प्रारंभ में डॉ. पाब्ला ने कहा, 'ईओस के साथ आयोजित इस कार्यशाला में, हम प्रोटोटाइप में बाए बदलाव, परिवर्तन और उन्नति के बारे में चर्चा करेंगे। प्रतिभागियों को यह भी सीखना होगा कि कैसे प्रोटोटाइप और 3डी प्रिंटिंग विभिन्न क्षेत्रों जैसे विनिर्माण, चिकित्सा में मदद करेगा। साथ ही प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला न केवल विश्वविद्यालय को बल्कि प्रतिभागियों को भी अपने कौशल को उन्नत करने और बढ़ाने में भी मदद करेगी। कार्यशाला उभरते कौशल समाधान की पहचान करेगी, जो एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में आ रहे है। हमारा मानना है कि एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में भविष्य है और इसलिए उद्योग में कंपनियां इसे बढ़ावा दे रही है।’
कार्यशाला में होंडा मोटर्स, फिलिप्स और प्लाईकैब जैसी प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों ने भाग लिया। विभिन्न सत्रों के दौरान उन्होंने 3डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइपिंग में शामिल प्रक्रियाओं के बारे में सीखा। दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों को यह भी समझाया जाएगा कि 3डी प्रिंटिंग से मशीन के पुर्जे कैसे बनाए जाएं।
बीएसडीयू में प्रिंसिपल (ऑटोमोटिव स्किल्स) मोहनजीत सिंह वालिया ने कहा, 'यह कार्यशाला हमें न केवल 3डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइप के बारे में अधिक जानने में मदद करेगी, बल्कि नए कोर्स के निर्माण में भी हमारी मदद करेगी। नए कोर्स के माध्यम से हम छात्रों को 3 डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइप जैसे एडिटिव विनिर्माण के बारे में पढ़ाने में सक्षम होंगे। हमारे अन्य कोर्स की तरह, छात्रों को इस कोर्स में भी व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा, जिसमें वे 3डी प्रिंटिंग और प्रोटोटाइप का उपयोग करके पाट्र्स और प्रोडेक्ट्स का निर्माण करना सीखेंगे।
बीएसडीयू के वाइस चांसलर डॉ. (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला के उद्घाटन संबोधन के साथ शुरू हुई कार्यशाला में प्रतिभागियों के लिए विभिन्न तकनीकी सत्र भी रखे गए हैं। कार्यशाला के प्रारंभ में डॉ. पाब्ला ने कहा, 'ईओस के साथ आयोजित इस कार्यशाला में, हम प्रोटोटाइप में बाए बदलाव, परिवर्तन और उन्नति के बारे में चर्चा करेंगे। प्रतिभागियों को यह भी सीखना होगा कि कैसे प्रोटोटाइप और 3डी प्रिंटिंग विभिन्न क्षेत्रों जैसे विनिर्माण, चिकित्सा में मदद करेगा। साथ ही प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला न केवल विश्वविद्यालय को बल्कि प्रतिभागियों को भी अपने कौशल को उन्नत करने और बढ़ाने में भी मदद करेगी। कार्यशाला उभरते कौशल समाधान की पहचान करेगी, जो एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में आ रहे है। हमारा मानना है कि एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग में भविष्य है और इसलिए उद्योग में कंपनियां इसे बढ़ावा दे रही है।’
कार्यशाला में होंडा मोटर्स, फिलिप्स और प्लाईकैब जैसी प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों ने भाग लिया। विभिन्न सत्रों के दौरान उन्होंने 3डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइपिंग में शामिल प्रक्रियाओं के बारे में सीखा। दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों को यह भी समझाया जाएगा कि 3डी प्रिंटिंग से मशीन के पुर्जे कैसे बनाए जाएं।
बीएसडीयू में प्रिंसिपल (ऑटोमोटिव स्किल्स) मोहनजीत सिंह वालिया ने कहा, 'यह कार्यशाला हमें न केवल 3डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइप के बारे में अधिक जानने में मदद करेगी, बल्कि नए कोर्स के निर्माण में भी हमारी मदद करेगी। नए कोर्स के माध्यम से हम छात्रों को 3 डी प्रिंटिंग और रैपिड प्रोटोटाइप जैसे एडिटिव विनिर्माण के बारे में पढ़ाने में सक्षम होंगे। हमारे अन्य कोर्स की तरह, छात्रों को इस कोर्स में भी व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा, जिसमें वे 3डी प्रिंटिंग और प्रोटोटाइप का उपयोग करके पाट्र्स और प्रोडेक्ट्स का निर्माण करना सीखेंगे।
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