एक साथ 32 की रवानगी, राजस्थान मीडिया में फिर मौसम 'उठापटक' का
जी हां, राजस्थान के मीडिया जगत में एक बार फिर से उठापटक का मौसम नजर आने लगा है, जिसके चलते कई पत्रकारों के रंग उतरते दिख रहे हैं, तो कई नए रंग में रंगे हुए नजर आएंगे। दरअसल, राजस्थान में जगह-जगह बैनर-होर्डिंग्स और ऑटो रिक्शा पर पोस्टर चिपकाकर 'नाम' कमाने वाले और खुद को नंबर वन की फेहरिस्त में शुमार कराने वाले न्यूज चैनल First India News से एक साथ 32+1 यानि कि 33 कर्मचारियों को निकाला गया है, जिसमें कई पत्रकार, प्रोग्रामर, एंकर और अन्य ऑफिसकर्मी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कॉस्ट-कटिंग के नाम पर एक साथ 33 लोगों को बिना किसी नोटिस के निकाल दिया गया है, हां सांत्वना के नाम पर इन्हें एक महीने की एक्स्ट्रा सैलेरी जरूर दी गई है। एच आर डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए रवानगी के मेल जो बात लिखी गई है, वो इस प्रकार से है...
32+1=33 के इस आंकड़े में 1 नाम ऐसा भी है, जिस पर उसके द्वारा अपने फेसबुक पर एक स्टेटस डालना भारी पड़ गया। फेसबुक पर इस प्रकार का स्टेटस डालने के चलते उसको भी एकबारगी तो विदा कर दिया गया। हालांकि फेसबुक पर एक स्टेटस डालने वाली महिलाकर्मी की आज फिर से इसी चैनल में रि-एंट्री हो गई है, जिसके लिहाज से अब यहां से निकाले जाने वालों का फिगर 32 रह गया है। ऐसे में अब यहां से निकाले गए 32 कार्मिकों के सामने नौकरी का संकट उपज आया है, जिन्होंने दूसरी नौकरी तलाशने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। इसीलिए तो लिखा है महाराज, 'कई पत्रकारों के रंग उतरते दिख रहे हैं, तो कई नए रंग में रंगे हुए नजर आएंगे।'
बहरहाल, किसी भी प्राइवेट नौकरी में ऐसा होना कोई नई बात नहीं है और ना ही इस चैनल के हाईकमान और हुक्मरानों के लिए ऐसा करना। क्योंकि इस प्रकार की उठापटक का दौर राजस्थान के मीडिया जगत में पहले भी कई बार आ चुका है, जिसका क्रेडिट भी इसी हाईकमान और हुक्मरानों को जाता है। गौरतलब है कि इससे पूर्व इससे भी बड़ी उठापटक का दौर तकरीबन सवा साल पहले आया था, जब इसी हाईकमान और हुक्मरानों की एक अन्य चैनल को छोड़ने के बाद यहां एंट्री हुई थी और उससे पूर्व किसी दूसरे चैनल को छोड़कर दूसरे में एंट्री हुई थी। अब चूंकि यहां बात मीडिया जगत की हो रही है और यह लेख भी मीडियाकर्मियों के लिए ही है तो, यह पहले, दूसरे और तीसरे चैनल के बारे में तो आप सभी मीडियाकर्मी भलीभांती समझते ही हैं। हां, ये जरूर है कि इनमें से कोई भी दूसरा और तीसरा नहीं होना चाहता, क्योंकि तीनों ही खुद को नंबर 1 पर कायम रखते हैं।
32+1=33 के इस आंकड़े में 1 नाम ऐसा भी है, जिस पर उसके द्वारा अपने फेसबुक पर एक स्टेटस डालना भारी पड़ गया। फेसबुक पर इस प्रकार का स्टेटस डालने के चलते उसको भी एकबारगी तो विदा कर दिया गया। हालांकि फेसबुक पर एक स्टेटस डालने वाली महिलाकर्मी की आज फिर से इसी चैनल में रि-एंट्री हो गई है, जिसके लिहाज से अब यहां से निकाले जाने वालों का फिगर 32 रह गया है। ऐसे में अब यहां से निकाले गए 32 कार्मिकों के सामने नौकरी का संकट उपज आया है, जिन्होंने दूसरी नौकरी तलाशने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। इसीलिए तो लिखा है महाराज, 'कई पत्रकारों के रंग उतरते दिख रहे हैं, तो कई नए रंग में रंगे हुए नजर आएंगे।'
बहरहाल, किसी भी प्राइवेट नौकरी में ऐसा होना कोई नई बात नहीं है और ना ही इस चैनल के हाईकमान और हुक्मरानों के लिए ऐसा करना। क्योंकि इस प्रकार की उठापटक का दौर राजस्थान के मीडिया जगत में पहले भी कई बार आ चुका है, जिसका क्रेडिट भी इसी हाईकमान और हुक्मरानों को जाता है। गौरतलब है कि इससे पूर्व इससे भी बड़ी उठापटक का दौर तकरीबन सवा साल पहले आया था, जब इसी हाईकमान और हुक्मरानों की एक अन्य चैनल को छोड़ने के बाद यहां एंट्री हुई थी और उससे पूर्व किसी दूसरे चैनल को छोड़कर दूसरे में एंट्री हुई थी। अब चूंकि यहां बात मीडिया जगत की हो रही है और यह लेख भी मीडियाकर्मियों के लिए ही है तो, यह पहले, दूसरे और तीसरे चैनल के बारे में तो आप सभी मीडियाकर्मी भलीभांती समझते ही हैं। हां, ये जरूर है कि इनमें से कोई भी दूसरा और तीसरा नहीं होना चाहता, क्योंकि तीनों ही खुद को नंबर 1 पर कायम रखते हैं।
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