राजस्थान विधानसभा : सरकारी कर्मचारियों से जुड़े विधेयक पर सदन में बरपा जमकर हंगामा
जयपुर। राजस्थान में 14वीं विधानसभा का 9वां सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के शुरूआत के पहले दिन राज्यपाल कल्याण सिंह का सदन में अभिभाषण हुआ। इसके बाद देश और प्रदेश की विभिन्न दिवंगत शख्सियतों को श्रद्धांजलि दी गई। बाद में बीजेपी विधायक दल की बैठक का आयोजन किया गया। सदन में हंगामे के बीच सत्र की शुरूआत हुई। सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने से पूर्व सरकार की अनुमति लिए जाने के सम्बंध में जारी विधेयक को लेकर सदन में जोरदार हंगामा बरपा। इसके बाद सदन की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही उपनेता प्रतिपक्ष रमेश मीणा बिल को लेकर बोलने लगे, जिनके साथ गोविंद डोटासरा और भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी भी एकसुर में दिखाई दिए। कांग्रेस ने विधेयक को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की, लेकिन स्पीकर ने बोलने की अनुमति नहीं देते हुए अंकित नहीं होने के निर्देश दिए। इस पर घनश्याम तिवाड़ी ने सदन से वॉकआउट कर दिया। थोड़ी देर बाद कांग्रेस विधायक भी सदन के बाहर चले गए। हालांकि दस मिनट बाद वे फिर से सदन में लौट आए।
विधेयक को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने सड़क से लेकर सदन तक विरोध किया। विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा के सरकारी आवास से नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के नेतृत्व में कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाला गया। मार्च के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मुहं पर काली पट्टी बांध हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। साथ ही सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप लगाए।
इस दौरान विधायक गोविंद डोटासरा की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हो गई। डोटासरा ने पुलिस अधिकारी को ये कहते हुए जमकर लताड़ लगाई कि वह एक एमएलए के क्वार्टर में आखिर कैसे दाखिल हो गया। इसके बाद डोटासरा ने पुलिस अधिकारी को एमएलए के क्वार्टर से गेट आउट होने के लिए कहते हुए जमकर लताड़ा।
सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित :
विधानसभा में जारी हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि सदन में सरकार 6 बिल पेश करेगी, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण ओबीसी का संशोधित बिल और सरकारी अफसरों के खिलाफ आमजन की शिकायतों संबंधित विधेयक है। कांग्रेस इस विधेयक का लगातार विरोध कर रही है और इसे लेकर उसने सरकार को सदन से सड़क तक घेरने की रणनीति बनाई है।
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही उपनेता प्रतिपक्ष रमेश मीणा बिल को लेकर बोलने लगे, जिनके साथ गोविंद डोटासरा और भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी भी एकसुर में दिखाई दिए। कांग्रेस ने विधेयक को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की, लेकिन स्पीकर ने बोलने की अनुमति नहीं देते हुए अंकित नहीं होने के निर्देश दिए। इस पर घनश्याम तिवाड़ी ने सदन से वॉकआउट कर दिया। थोड़ी देर बाद कांग्रेस विधायक भी सदन के बाहर चले गए। हालांकि दस मिनट बाद वे फिर से सदन में लौट आए।
विधेयक को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने सड़क से लेकर सदन तक विरोध किया। विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा के सरकारी आवास से नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के नेतृत्व में कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाला गया। मार्च के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मुहं पर काली पट्टी बांध हाथों में तख्तियां लेकर सरकार के विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। साथ ही सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप लगाए।
इस दौरान विधायक गोविंद डोटासरा की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हो गई। डोटासरा ने पुलिस अधिकारी को ये कहते हुए जमकर लताड़ लगाई कि वह एक एमएलए के क्वार्टर में आखिर कैसे दाखिल हो गया। इसके बाद डोटासरा ने पुलिस अधिकारी को एमएलए के क्वार्टर से गेट आउट होने के लिए कहते हुए जमकर लताड़ा।
सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित :
विधानसभा में जारी हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि सदन में सरकार 6 बिल पेश करेगी, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण ओबीसी का संशोधित बिल और सरकारी अफसरों के खिलाफ आमजन की शिकायतों संबंधित विधेयक है। कांग्रेस इस विधेयक का लगातार विरोध कर रही है और इसे लेकर उसने सरकार को सदन से सड़क तक घेरने की रणनीति बनाई है।
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