तम्बाकू सेवन से बीमारियां करती है घर
अजमेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, अजमेर द्वारा रेल विभाग में एक कार्यशाला का आयोजन रेलवे अस्पताल के शताब्दी सभांगार मे किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के.के सोनी ने कार्यशाला की शुरूआत करते हुए कहा कि भारत में हर साल 8 से 10 लाख लोग तंबाकू सेवन के कारण अपनी जान गंवाते है। तम्बाकू उत्पादों में निकोटीन, टार, कार्बन मोनो ऑक्साईड जैसे जहरीले पदार्थ होते हेै। जो तरह-तरह की बीमारियों और केैंसर को जन्म देते है। अध्ययन के अनुसार 40 प्रतिशत कैंसर के रोगी सिगरेट तथा तम्बाकू का सेवन करने वाले पाये गये है। तम्बाकू सेवन के कारण पैदा होने वाले रोगों में केैंसर हार्ट-अटैक, लखवा, नंपुस्कता, गर्भपात, दमा, फेफडे की बिमारी तथा शीघ्र बुढापा आना प्रमुख है। तम्बाकू के उपयोग के दुष्परिणाम में देश व राज्य की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया व कैंसर का सबसे बडा कारण तम्बाकू उपयोग को बताया तथा इसके रोकथाम के बारे मे जानकारी दी साथ ही मरीज के हित के संबध मे समस्त प्रतिभागीयों को प्रशिक्षण दिया। तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावो पर लघु फिल्म दिखाई व इसके माध्यम से संदेश दिया कि तम्बाकू से होने वाली मौते कितनी दर्दनाक होती है।
जिला सलाहाकार एनटीसीपी डॉ. पुनिता जैफ ने तम्बाकू छोडने से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी। बीडी-सिगरेट छोडने के 5 साल बाद फेफडे के कैंसर का खतरा आधा रह जाता है और 10 साल बाद कभी सिगरेट न पीने वाले आदमी जितना हो जाता है। तम्बाकू छोडने से हार्ट-अटैेक, लकवा, तथा श्वास की बीमारियों का खतरा कम होने लगता है। साथ ही इन्होने तम्बाकू छोडने के उपायों के बारे में बताया और कहा की तम्बाकू सेवन अथवा सिगरेट पीने की तलब लगने के समय अपना ध्यान किसी और काम में लगायें। डॉक्टर अथवा मानसिक चिकित्सक की मदद लें। यदि असफल रहे तो भी निराश न हो। निरन्तर प्रयास करें, डॉक्टर की सलाह लें । तम्बाकू अथवा सिगरेट पीने की तलब 5 से 10 मिनट तक ही रहती है। चाहे आप सेवन करे या ना करे। उस समय आप अपने आप पर काबू रखें। फिर भी यदि तलब लगती है। तो टॉफी, च्विगंम, या पिपरमेंट का प्रयोग करे।
इसके उपरान्त सामाजिक कार्यकर्ता एनटीसीपी सीता जाट ने कोटपा एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा इसके अन्तर्गत आने वाली धाराओ के बारे में विस्तार से बताया। समस्त प्रतिभागीयों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगाें को तम्बाकू उपयोग न करने के बारे में जागरूक करेगे तथा जो लोग तम्बाकू का सेवन करते है उन्हे तम्बाकू सेवन न करने की सलाह देंगे। जो लोग तम्बाकू का सेवन करना छोडना चाहते है वे सेटेलाईट, चिकित्सालय, अजमेर में एनटीसीपी की काउन्सलर से सम्पर्क कर दवा प्राप्त कर सकते है।
इसी के साथ जितेन्द्र हरचन्दानी जिला सलाहाकार, फ्लोरोसिशट ने प्रतिभागियों को मोसमी बीमारियां डेगू, चिकिनगूनिया, मलेरिया, स्वाईन फलू व फ्लोरोसिश रोग की विस्तार से जानकारी दी। अन्त में एसीएमएम रेल विभाग डॉ. पी.सी. मीणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के.के सोनी ने कार्यशाला की शुरूआत करते हुए कहा कि भारत में हर साल 8 से 10 लाख लोग तंबाकू सेवन के कारण अपनी जान गंवाते है। तम्बाकू उत्पादों में निकोटीन, टार, कार्बन मोनो ऑक्साईड जैसे जहरीले पदार्थ होते हेै। जो तरह-तरह की बीमारियों और केैंसर को जन्म देते है। अध्ययन के अनुसार 40 प्रतिशत कैंसर के रोगी सिगरेट तथा तम्बाकू का सेवन करने वाले पाये गये है। तम्बाकू सेवन के कारण पैदा होने वाले रोगों में केैंसर हार्ट-अटैक, लखवा, नंपुस्कता, गर्भपात, दमा, फेफडे की बिमारी तथा शीघ्र बुढापा आना प्रमुख है। तम्बाकू के उपयोग के दुष्परिणाम में देश व राज्य की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया व कैंसर का सबसे बडा कारण तम्बाकू उपयोग को बताया तथा इसके रोकथाम के बारे मे जानकारी दी साथ ही मरीज के हित के संबध मे समस्त प्रतिभागीयों को प्रशिक्षण दिया। तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावो पर लघु फिल्म दिखाई व इसके माध्यम से संदेश दिया कि तम्बाकू से होने वाली मौते कितनी दर्दनाक होती है।
जिला सलाहाकार एनटीसीपी डॉ. पुनिता जैफ ने तम्बाकू छोडने से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी। बीडी-सिगरेट छोडने के 5 साल बाद फेफडे के कैंसर का खतरा आधा रह जाता है और 10 साल बाद कभी सिगरेट न पीने वाले आदमी जितना हो जाता है। तम्बाकू छोडने से हार्ट-अटैेक, लकवा, तथा श्वास की बीमारियों का खतरा कम होने लगता है। साथ ही इन्होने तम्बाकू छोडने के उपायों के बारे में बताया और कहा की तम्बाकू सेवन अथवा सिगरेट पीने की तलब लगने के समय अपना ध्यान किसी और काम में लगायें। डॉक्टर अथवा मानसिक चिकित्सक की मदद लें। यदि असफल रहे तो भी निराश न हो। निरन्तर प्रयास करें, डॉक्टर की सलाह लें । तम्बाकू अथवा सिगरेट पीने की तलब 5 से 10 मिनट तक ही रहती है। चाहे आप सेवन करे या ना करे। उस समय आप अपने आप पर काबू रखें। फिर भी यदि तलब लगती है। तो टॉफी, च्विगंम, या पिपरमेंट का प्रयोग करे।
इसके उपरान्त सामाजिक कार्यकर्ता एनटीसीपी सीता जाट ने कोटपा एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा इसके अन्तर्गत आने वाली धाराओ के बारे में विस्तार से बताया। समस्त प्रतिभागीयों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगाें को तम्बाकू उपयोग न करने के बारे में जागरूक करेगे तथा जो लोग तम्बाकू का सेवन करते है उन्हे तम्बाकू सेवन न करने की सलाह देंगे। जो लोग तम्बाकू का सेवन करना छोडना चाहते है वे सेटेलाईट, चिकित्सालय, अजमेर में एनटीसीपी की काउन्सलर से सम्पर्क कर दवा प्राप्त कर सकते है।
इसी के साथ जितेन्द्र हरचन्दानी जिला सलाहाकार, फ्लोरोसिशट ने प्रतिभागियों को मोसमी बीमारियां डेगू, चिकिनगूनिया, मलेरिया, स्वाईन फलू व फ्लोरोसिश रोग की विस्तार से जानकारी दी। अन्त में एसीएमएम रेल विभाग डॉ. पी.सी. मीणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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