स्वाइन फ्लू एवं मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आईईसी गतिविधियां तेज
अजमेर। जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा के निर्देशानुसार जिले में चिकित्सा विभाग ने स्वाइन फ्लू एवं मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आईईसी गतिविधियां तेत कर दी है और घर -घर जाकर लोगों को बचाव तथा जागरूकता के लिए संदेश दिया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के.सोनी ने बताया कि जिले में मैसमी बीमारियों से बचाव के लिए समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/ जिला अस्पताल, सिटी डिस्पेंसरी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सर्दी जुखाम के रोगियों की अलग से ओपीडी में स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके साथ ही डोर टू डोर सर्वे के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम, आशा एवं जीएनएम स्टूडेंट की टीमे बनाकर डोर टू डोर सर्दी जुखाम के रोगियों का सर्वे करवाया जा रहा है।
एमसीएचएन डे एवं टीकाकरण दिवस :
एमसीएचएन दिवस पर एएनसी जांच हेतु आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं टीकाकरण दिवस पर टीकाकरण हेतु आने वाले बच्चों में सर्दी जुखाम के लक्षण पाए जाने पर स्वाईन फ्लू स्क्रीनिंग की जाकर उपचारित किया जा रहा है।
स्कूल स्वास्थ्य शिक्षा :
राजकीय /प्राइवेट स्कूल में एएनएम/ चिकित्सा अधिकारी द्वारा छात्रों को स्वाइन फ्लू के कारणों एवं बचाव की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है।
स्वाइन फ्लू रोगी के क्षेत्र में गतिविधि :
स्वाइन फ्लू रोगी पाए जाने पर रोगी के क्षेत्र में तत्काल चिकित्सा टीम भिजवायी जाकर रोगी के सम्पर्क में आए समस्त व्यक्तियों /परिजनों को टेमीफ्लू दवा से उपचारित किया जा रहा है। साथ ही रोगी के आसपास के कम से कम 50 घरों में सर्दी जुखाम के रोगियों का डोर टू डोर सर्वे किया जाता है। जिसमें पाए जाने वाले संदिग्ध सवाइन फ्लू रोगी को मौके पर टेमीफ्लू से उपचारित किया जाता है।
दवाइयों की उपलब्घ्ता :
समस्त चिकित्सा संस्थानों पर उपकेन्द्र स्तर पर भी रोग की दवा टेमीफ्लू पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
रेपिड रेस्पोंस टीम :
प्रत्येक ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला स्तर पर रेपिड रेस्पोंस टीम गठित है जो स्वाइन फ्लू का पॉजिटिव रोगी पाए जाने पर तुरन्त प्रस्थान करती है।
आयुष चिकित्सकों का सहयोग :
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों (यूनानी, आयुर्वेद, होम्योपैथी) द्वारा क्षेत्र में जाकर रोगियों की स्क्रीनिंग की जाकर स्कूलों में छात्रों का इस रोग के बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा काढ़ा वितरित भी किया जा रहा है।
स्वास्थ्य दल आपके द्वार अभियान 4 :
इस रोग की रोकथाम के लिए 21 से 23 जनवरी 2019 तक सम्पूर्ण जिले में बड़े स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा। जिसमें टीमे डोर टू डोर जाकर सर्दी जुखाम के रोगियों का सर्वे, उपचार एवं जागरूकता गतिविधि की जाएगी।
क्रास वेरीफिकेशन :
जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा स्वाइन फ्लू रोगी के क्षेत्र में जाकर स्थानीय टीम द्वारा की गई गतिविधि का क्रॉस वेरीफिकेशन भी किया जा रहा है।
रैन बसेरा स्क्रीनिंग :
जिले में संचालित रैन बसेरों की नियमित रूप से विजिट की जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के.सोनी ने बताया कि जिले में मैसमी बीमारियों से बचाव के लिए समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/ जिला अस्पताल, सिटी डिस्पेंसरी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सर्दी जुखाम के रोगियों की अलग से ओपीडी में स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके साथ ही डोर टू डोर सर्वे के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम, आशा एवं जीएनएम स्टूडेंट की टीमे बनाकर डोर टू डोर सर्दी जुखाम के रोगियों का सर्वे करवाया जा रहा है।
एमसीएचएन डे एवं टीकाकरण दिवस :
एमसीएचएन दिवस पर एएनसी जांच हेतु आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं टीकाकरण दिवस पर टीकाकरण हेतु आने वाले बच्चों में सर्दी जुखाम के लक्षण पाए जाने पर स्वाईन फ्लू स्क्रीनिंग की जाकर उपचारित किया जा रहा है।
स्कूल स्वास्थ्य शिक्षा :
राजकीय /प्राइवेट स्कूल में एएनएम/ चिकित्सा अधिकारी द्वारा छात्रों को स्वाइन फ्लू के कारणों एवं बचाव की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है।
स्वाइन फ्लू रोगी के क्षेत्र में गतिविधि :
स्वाइन फ्लू रोगी पाए जाने पर रोगी के क्षेत्र में तत्काल चिकित्सा टीम भिजवायी जाकर रोगी के सम्पर्क में आए समस्त व्यक्तियों /परिजनों को टेमीफ्लू दवा से उपचारित किया जा रहा है। साथ ही रोगी के आसपास के कम से कम 50 घरों में सर्दी जुखाम के रोगियों का डोर टू डोर सर्वे किया जाता है। जिसमें पाए जाने वाले संदिग्ध सवाइन फ्लू रोगी को मौके पर टेमीफ्लू से उपचारित किया जाता है।
दवाइयों की उपलब्घ्ता :
समस्त चिकित्सा संस्थानों पर उपकेन्द्र स्तर पर भी रोग की दवा टेमीफ्लू पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
रेपिड रेस्पोंस टीम :
प्रत्येक ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला स्तर पर रेपिड रेस्पोंस टीम गठित है जो स्वाइन फ्लू का पॉजिटिव रोगी पाए जाने पर तुरन्त प्रस्थान करती है।
आयुष चिकित्सकों का सहयोग :
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों (यूनानी, आयुर्वेद, होम्योपैथी) द्वारा क्षेत्र में जाकर रोगियों की स्क्रीनिंग की जाकर स्कूलों में छात्रों का इस रोग के बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा काढ़ा वितरित भी किया जा रहा है।
स्वास्थ्य दल आपके द्वार अभियान 4 :
इस रोग की रोकथाम के लिए 21 से 23 जनवरी 2019 तक सम्पूर्ण जिले में बड़े स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा। जिसमें टीमे डोर टू डोर जाकर सर्दी जुखाम के रोगियों का सर्वे, उपचार एवं जागरूकता गतिविधि की जाएगी।
क्रास वेरीफिकेशन :
जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा स्वाइन फ्लू रोगी के क्षेत्र में जाकर स्थानीय टीम द्वारा की गई गतिविधि का क्रॉस वेरीफिकेशन भी किया जा रहा है।
रैन बसेरा स्क्रीनिंग :
जिले में संचालित रैन बसेरों की नियमित रूप से विजिट की जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है।
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