साल 2018 को 'ईयर आॅफ द डिसेबल्ड सोल्जर' के रूप में मनाएगी इंडियन आर्मी
जयपुर। भारतीय सेना साल 2018 को अपने उन जवानों को समर्पित करते हुए 'ईयर आॅफ द डिसेबल्ड सोल्जर' के रूप में मनाएगी, जिन्होंने देश सेवा में अपने शरीर के किसी हिस्से को गंवा दिया है। ऐसे जवानों को सम्मान देने के लिए सेना ने एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत सेना की ओर से उन जवानों को सम्मान दिए जाने के साथ ही उन्हें आर्टिफिशियल अंग भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जयपुर स्थित सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान 'सप्त शक्ति कमांड' में इस कार्यक्रम का अनावरण किया गया। साथ ही कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऐसे जवानों की पीड़ा को कम करना है, जो अपने शरीर का कोई हिस्सा मातृभूमि के लिए अपने कर्तव्य का निर्हवन करते हुए गंवा चुके हैं।
इस अवसर पर सेना की साउथ वेस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल चेरीश मैथसन ने बताया कि इस साल सेना विशेष रूप से उनके पुनर्वास और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह कार्यक्रम राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा। दिव्यांग सैनिकों के स्मरणोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम की थीम 'डिसेबल्ड सोल्जर : सेवा की विरासत एवं जीवन की प्रतिष्ठा' रखी गई है।
इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल मैथसन ने बताया कि दिव्यांग सैनिकों के लिए आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में सैनिकों के साथ ही रैंज एरिया में सेना की कार्यवाही से प्रभावित व्यक्तियों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, जिन्हें सेना की ओर से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। राजसथान में इस कार्यक्रम की शुरूआत भादरा एवं हनुमानगढ़ से की जा रही है।
जयपुर स्थित सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान 'सप्त शक्ति कमांड' में इस कार्यक्रम का अनावरण किया गया। साथ ही कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऐसे जवानों की पीड़ा को कम करना है, जो अपने शरीर का कोई हिस्सा मातृभूमि के लिए अपने कर्तव्य का निर्हवन करते हुए गंवा चुके हैं।
इस अवसर पर सेना की साउथ वेस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल चेरीश मैथसन ने बताया कि इस साल सेना विशेष रूप से उनके पुनर्वास और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह कार्यक्रम राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा। दिव्यांग सैनिकों के स्मरणोत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम की थीम 'डिसेबल्ड सोल्जर : सेवा की विरासत एवं जीवन की प्रतिष्ठा' रखी गई है।
इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल मैथसन ने बताया कि दिव्यांग सैनिकों के लिए आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में सैनिकों के साथ ही रैंज एरिया में सेना की कार्यवाही से प्रभावित व्यक्तियों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, जिन्हें सेना की ओर से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। राजसथान में इस कार्यक्रम की शुरूआत भादरा एवं हनुमानगढ़ से की जा रही है।
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