जयपुर में अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी फ्री में होगी स्वाइन फ्लू की जांच व उपचार
जयपुर। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के बढ़ते कहर को देखते हुए अब राजधानी जयपुर शहर के प्राइवेट हॉस्पिटलों में स्वाइन फ्लू की जांच व उपचार फ्री किया जाएगा। स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की स्वाइन फ्लू जांच एवं उपचार नि:शुल्क किए जाने के लिए जयपुर शहर के निजी अस्पताल सहमत हो गये हैं। साथ ही निजी अस्पतालों को स्वाईन फ्लू मरीजों के लिये अलग से आईसोलेशन वार्ड एवं आईसीयू में बेड्स रिजर्व रखने के लिये भी कहा गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में निजी अस्पतालों, निजी लैब्स एवं दवा विक्रेताओं के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। दवाईयों की दुकानों पर स्वाईन फ्लू की दवाओं की उपलब्धता एवं स्टाक की मात्रा की सूचना का बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
सराफ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी निजी अस्पतालों को स्वाईन फ्लू के उपचार में काम में ली जा रही दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने सभी निजी अस्पतालों को स्वाईन फ्लू पॉजिटिव मरीज की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को भिजवाया जाना सुनिश्चित करने के लिये कहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संबंधित क्षेत्रों में स्वाईन फ्लू के बारे में सर्वेक्षण कर संभावित रोगियों की जांच व उपचार सुनिश्चित करेंगे।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए टेमीफ्लू औषधि के कैप्सूल, सीरप एवं वैक्सीन प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों एवं प्रमुख निजी चिकित्सालयों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टेमी फ्लू औषधि की करीब 3 लाख 80 हजार कैप्सूल जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी पर उपलब्ध हैं एवं आरएमएससीएल के सेंट्रल गोदाम में करीब 1 लाख 40 हजार कैप्सूल व बच्चों के 1 हजार 500 सीरप की बोटल स्टाक में उपलब्ध है।
चिकित्सा मंत्री कहा कि निजी अस्पतालों व निजी लैब्स में स्वाईन फ्लू की निःशुल्क जांच व उपचार सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिये तीन सदस्यीय कमेटी की गठन किया गया है। इस कमेटी में एक प्रशासनिक अधिकारी, एक चिकित्सा विभाग एवं एक चिकित्सा शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा आनन्द कुमार, प्रबंध निदेशक आरएमएससी महावीर प्रसाद शर्मा, निदेशक जन-स्वास्थ्य डा. वीके माथुर, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य सहित निजी अस्पतालों, निजी लैब्स एवं दवा विक्रय केन्द्रों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में निजी अस्पतालों, निजी लैब्स एवं दवा विक्रेताओं के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। दवाईयों की दुकानों पर स्वाईन फ्लू की दवाओं की उपलब्धता एवं स्टाक की मात्रा की सूचना का बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
सराफ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी निजी अस्पतालों को स्वाईन फ्लू के उपचार में काम में ली जा रही दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने सभी निजी अस्पतालों को स्वाईन फ्लू पॉजिटिव मरीज की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को भिजवाया जाना सुनिश्चित करने के लिये कहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संबंधित क्षेत्रों में स्वाईन फ्लू के बारे में सर्वेक्षण कर संभावित रोगियों की जांच व उपचार सुनिश्चित करेंगे।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए टेमीफ्लू औषधि के कैप्सूल, सीरप एवं वैक्सीन प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों एवं प्रमुख निजी चिकित्सालयों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टेमी फ्लू औषधि की करीब 3 लाख 80 हजार कैप्सूल जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी पर उपलब्ध हैं एवं आरएमएससीएल के सेंट्रल गोदाम में करीब 1 लाख 40 हजार कैप्सूल व बच्चों के 1 हजार 500 सीरप की बोटल स्टाक में उपलब्ध है।
चिकित्सा मंत्री कहा कि निजी अस्पतालों व निजी लैब्स में स्वाईन फ्लू की निःशुल्क जांच व उपचार सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिये तीन सदस्यीय कमेटी की गठन किया गया है। इस कमेटी में एक प्रशासनिक अधिकारी, एक चिकित्सा विभाग एवं एक चिकित्सा शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा आनन्द कुमार, प्रबंध निदेशक आरएमएससी महावीर प्रसाद शर्मा, निदेशक जन-स्वास्थ्य डा. वीके माथुर, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य सहित निजी अस्पतालों, निजी लैब्स एवं दवा विक्रय केन्द्रों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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