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अब जिले के गांव भी होंगे साफ-सुथरे : गोयल

अजमेर। जिले के शहरो की तरह अब गांव भी साफ-सुथरे होंगे। यहां मुख्यमंत्री ग्राम स्वच्छ योजना के तहत नियमित सफाई करवायी जाएगी। जिले की 63 खुले में शौच से मुक्त घोषित ग्राम पंचायतों में यह नियमित सफाई अभियान चलेगा। इसमें सफाई के लिए 150 घरों के कलस्टर पर 2 श्रमिकों को नियोजित किया जाएगा।

जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि राजस्थान सरकार ने अब गांवों में भी कचरा प्रबंधन करने हेतु कार्य करने की ठानी है। इसी के तहत गांवों में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ग्राम स्वच्छ योजना एमजीएसवाई लागू की गई है। योजना के तहत गांवों में साफ-सफाई व्यवस्था के साथ ही ठोस कचरे का उचित प्रबंधन भी किया जाएगा।

गोयल ने बताया कि यह योजना महात्मा गांधी नरेगा योजना स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के कन्र्वेजेंस से जिले में लागू की गई है। योजना के मुख्य उद्देश्य गांवों को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाना, गांवों में स्वच्छता का वातावरण तैयार करना, जनसमुदाय को स्वच्छता के संबंध में जागरूक करना, ठोस कचरे के प्रबंधन से पुनः प्रयोग में लाये जाने योग्य सामग्री व अनुपयोगी सामग्री को पृथक करना एवं इनका उपयोग करना है।

उन्होंने बताया कि अजमेर जिले में योजना की शुरूआत खुले में शौच से मुक्त घोषित 63 ग्राम पंचायतों से की जा रही है। इसे बाद में सम्पूर्ण जिले में लागू किया जाएगा। योजना की कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायते होगी। मनरेगा योजना के तहत प्रत्येक 150 घरों के कलस्टर पर साफ-सफाई एवं कचरा संग्रहण हेतु दो श्रमिकों को नियोजन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला मैट को स्वच्छता सखी के रूप में नियोजित किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम में कचरा संग्रहण मनरेगा योजना से गीला एवं सुखा कचरा हेतु अलग-अलग खड्डे बनाए जाएंगे। अभियान के तहत प्रत्येक 30-50 घरों पर एक सामुदायिक कचरा पात्र रखा जाएगा। मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना के तहत नियोजित श्रमिकों को मास्क, दस्ताने, ड्रेस, जैकेट भी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। योजना के तहत गांवों में मनरेगा योजना के तहत कचरा संग्रहण हेतु खड्डों का निर्माण एवं श्रमिकों के नियोजन की स्वीकृति जिला स्तर से जारी की जा रही है।



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