और अब जोधपुर के ओसिया में हुआ रेल हादसा, डिब्बों से अलग हुआ ट्रेन का इंजन
जोधपुर। हालात को देखते हुए लगता है शायद देश के रेल मंत्रालय में इस समय मुसीबतों का दौर चल रहा है, जिसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार एक के बाद एक हो रहे रेल हादसे पेश आ रहे हैं। आज सुबह ही एक बड़ा रेल हादसा ओडिशा में पेश आया था, जिसमें एक मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसके बाद राजस्थान में जोधपुर के ओसिया में फिर से एक रेल हादसा हो गया है, जिसमें रानीखेत एक्सप्रेस का इंजन ही डिब्बों से अलग हो गया। हालांकि राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, काठगोदाम से चलकर जयपुर-अजमेर के रास्ते जैसलमेर जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस जोधपुर के ओसिया में हादसे का शिकार हो गई। ये हादसा उस वक्त हुआ जब ये ट्रेन ओसिया और तिंवरी के बीच पहुंची थी, तभी ट्रेन का इंजन डिब्बों से अलग हो गया। हालांकि घटना के तुरंत बाद ही इसका पता लग गया और पावर ब्रेक लगाकर इंजन को रोक दिया गया, लेकिन तब तक डिब्बे करीब 15-20 फीट आगे जा चुके थे। घटना के बारे में जानकारी मिलने पर रेलवे के अधिकारी कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे।
गौरतलब है कि इससे पूर्व आज सुबह ही ओडिशा में एक बड़ा रेल हादसा पेश आया था, जिसमें एक मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए। ये हादसा ओडिशा के नरगुंडी स्टेशन के पास हुआ। हालांकि राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। उससे पूर्व इलाहाबाद के पास एक बड़ा रेल हादसा उस वक्त पेश आया था, जब रेलवे के एक ही ट्रैक पर तीन-तीन ट्रेनें एक साथ दौड़ पड़ी। ये तीनों ट्रेनें सुपरफास्ट थी, जो कि दुरंतो एक्सप्रेस, हातिया-आनंद विहार एक्सप्रेस और महोबोधी एक्सप्रेस थी। हालांकि इस हादसे में ड्राइवरों की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से टल गया था।
इन हादसों से पहले 14 सितंबर को जम्मू-राजधानी एक्सप्रेस का पिछला डिब्बा पटरी से उतर गया था। इसी साल 7 सितंबर को शाक्तिपुंज एक्सप्रेस, 29 अगस्त को दुरंतो एक्सप्रेस, 23 अगस्त को कैफियात एक्सप्रेस और 19 अगस्त को कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी।
जानकारी के मुताबिक, काठगोदाम से चलकर जयपुर-अजमेर के रास्ते जैसलमेर जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस जोधपुर के ओसिया में हादसे का शिकार हो गई। ये हादसा उस वक्त हुआ जब ये ट्रेन ओसिया और तिंवरी के बीच पहुंची थी, तभी ट्रेन का इंजन डिब्बों से अलग हो गया। हालांकि घटना के तुरंत बाद ही इसका पता लग गया और पावर ब्रेक लगाकर इंजन को रोक दिया गया, लेकिन तब तक डिब्बे करीब 15-20 फीट आगे जा चुके थे। घटना के बारे में जानकारी मिलने पर रेलवे के अधिकारी कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे।
गौरतलब है कि इससे पूर्व आज सुबह ही ओडिशा में एक बड़ा रेल हादसा पेश आया था, जिसमें एक मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए। ये हादसा ओडिशा के नरगुंडी स्टेशन के पास हुआ। हालांकि राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। उससे पूर्व इलाहाबाद के पास एक बड़ा रेल हादसा उस वक्त पेश आया था, जब रेलवे के एक ही ट्रैक पर तीन-तीन ट्रेनें एक साथ दौड़ पड़ी। ये तीनों ट्रेनें सुपरफास्ट थी, जो कि दुरंतो एक्सप्रेस, हातिया-आनंद विहार एक्सप्रेस और महोबोधी एक्सप्रेस थी। हालांकि इस हादसे में ड्राइवरों की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से टल गया था।
इन हादसों से पहले 14 सितंबर को जम्मू-राजधानी एक्सप्रेस का पिछला डिब्बा पटरी से उतर गया था। इसी साल 7 सितंबर को शाक्तिपुंज एक्सप्रेस, 29 अगस्त को दुरंतो एक्सप्रेस, 23 अगस्त को कैफियात एक्सप्रेस और 19 अगस्त को कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी।
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