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आर्थिक आधार पर EWS Reservation को लेकर Supreme Court का सुप्रीम फैसला

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नई दिल्ली।
गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर दिए जा रहे 10 प्रतिशत EWS आरक्षण के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने अहम फैसला सुनाया है। Supreme Court की पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 10% EWS आरक्षण प्रदान किया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन न्यायाधीश अधिनियम को बरकरार रखने के पक्ष में थे, जबकि दो न्यायाधीशों ने इस पर अपनी असहमति जताई। बेंच के न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला ने EWS संशोधन को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश उदय यू ललित और न्यायाधीश रवींद्र भट ने इस पर असहमति व्यक्त की। आखिर में EWS संशोधन को बरकराकर रखने के पक्ष में निर्णय 3:2 के अनुपात में हुआ और इसे अपहोल्ड कर दिया गया। ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत का आरक्षण मिलता रहेगा।

सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10% आरक्षण दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है। 5 न्यायाधीशों में से 3 ने EWS आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन नहीं माना है। यानी यह आरक्षण जारी रहेगा। चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS के खिलाफ फैसला सुनाया है, जबकि जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने पक्ष में फैसला सुनाया है।

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