पैन-इंडिया हाइब्रिड एजुकेशन सिस्टम की शुरुआत करेगा एडुटेक फर्म उत्कर्ष क्लासेस
जयपुर। उत्कर्ष क्लासेस एंड एडुटेक ने आज अपनी हाइब्रिड शिक्षा प्रणाली में तेजी लाने के लिए बनाई गई योजना की घोषणा की, जिसके तहत कंपनी ने हाल ही में जोधपुर में अपने 17वें ऑफलाइन सेंटर का उद्घाटन किया। यह केंद्र सशस्त्र बलों में शामिल होने और संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा, वायु सेना, आम प्रवेश परीक्षा (एएफसीएटी), राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा (एनडीए) तथा भारतीय तट रक्षा गार्ड नाविक टेस्ट (आईसीजीएनटी) जैसी परीक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक अभ्यर्थियों की तैयारी करवाने में सक्रिय भूमिका में है।
उत्कर्ष क्लासेस के संस्थापक और निदेशक डॉ. निर्मल गहलोत ने बताया कि हम अपने पाठ्यक्रमों में विस्तार करने की दिशा में अग्रसर हैं तथा ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से विद्यार्थियों को विविध पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में राजस्थान के जयपुर व जोधपुर में 17 केंद्रों के साथ हमारी सशक्त ऑफ़लाइन उपस्थिति है, जिसे आगे बढ़ाते हुए हम अगले चरण में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में भी अपनी ऑफ़लाइन उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत इन राज्यों में डिजीटल स्टूडियो को विस्तारित करते हुए टियर 2 और टियर 3 शहरों में 100 से अधिक ऑफलाइन कोचिंग सेंटर खोलना शामिल है, जो कि वहां के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों तक ऑफलाइन पहुंच में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एडुटेक उद्योग में छंटनी के मद्देनजर, उत्कर्ष क्लासेस ने वित्त वर्ष 2023 में विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में शिक्षक भर्ती की योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत अखिल भारतीय स्तर पर श्रेष्ठ शिक्षकों के चयन के लिए यूट्यूब पर 'टीचिंग टैलेंट हंट' अभियान की शुरुआत की है। शिक्षक वर्ग के अलावा कंपनी में वरिष्ठ नेतृत्व एवं अन्य कर्मचारियों सहित 500 सदस्यों की भर्ती करने की भी योजना है।
उत्कर्ष क्लासेस में वर्ष 2018 में ऑनलाइन कोर्सेस में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 6000 थी, परन्तु वर्तमान में लगभग 1.5 मिलियन है और लगभग 27,000 ऑफ़लाइन विद्यार्थी हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रमों के साथ सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं। कंपनी ने किफायती दरों पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोर्सेस लॉन्च कर रखा है, जिनका औसत वार्षिक शुल्क 2,500 रुपये है।
डॉ. गहलोत ने कहा कि निकट भविष्य में एजुकेशन, हाइब्रिड मॉडल के साथ मौजूदा गति से और अधिक तेज होने की उम्मीद है क्योंकि वे विद्यार्थी और अभिभावक जो ऑफ़लाइन कोचिंग लेने में असमर्थ हैं, वे ऑनलाइन माध्यम का विकल्प चुन सकते हैं। हाइब्रिड लर्निंग मॉडल में स्टूडियो बनाकर कक्षाओं को अधिक आकर्षक, व्यावहारिक और सुलभ बनाकर विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता को बढ़ाया सकता है। हम शिक्षा के तेजी से आगे बढ़ते युग में हैं जहाँ कक्षाओं या पाठ्यपुस्तकों से सीखने तक ही सीमित नहीं हैं और इसलिए हाइब्रिड लर्निंग एनवायरनमेंट शिक्षा का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम शिक्षा को सुलभ बनाने की कल्पना करते हैं तो देश भर के शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से छात्रों से जुड़ने के सर्वोत्तम तरीकों की तलाश कर रहे हैं लेकिन पारंपरिक कक्षाओं में वापस जाने के बजाय, हम हमारे विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक मॉडल्स का निर्माण कर रहे हैं।
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