स्कूल ऑफ आर्ट में 7 वर्षो बाद कला प्रदर्शनी, कला विद्यार्थियों ने उत्सव की तरह मनाया
जयपुर। राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट के प्रांगण में वर्षो बाद आज राज्य की 150 वर्षो पुरानी ऐतिहासिक कला महाविद्यालय की वार्षिक कला प्रदर्शनी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इसमे कला विद्यार्थियों की 17 उत्कृष्ट कलाकृतियों पुरस्कृत किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि माननीय उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने पुरस्कृत विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया और उन्हें निरंतर अपनी कला साधना करते हुऐ राज्य का गौरव बढ़ाने के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने भविष्य में महाविद्यालय को पूर्ण सहयोग देने का भी आश्वासन देते हुए सभी के उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी।
प्राचार्य नरेन्द्र सिंह यादव ने मुख्य अतिथि एवं समारोह में आये वरिष्ठ चित्रकारों का अभिनदंन किया। प्राचार्य ने दो महीने के अल्प समय मे मूर्तिकला, लघु चित्रण, प्रिंट मेकिंग, फोटोग्राफी एवं कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के 5 दिवसीय शिविरों का भी सफलता से आयोजन किया जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर उत्साह से कला विद्याओं की बारीकियों से परिचित हुए और मूर्तिकला, पेंटिंग, फोटोग्राफी, प्रिंट मेकिंग, इंस्टालेशन आर्ट, एप्लाइड आर्ट सभी विधाओं में नए-नए सृजन करते हुये अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियां बनाई।
प्रदर्शनी में कुल 150 विद्यार्थियों की लगभग 250 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई और इसी के साथ पांचों शिविरों में बनी कलाकृतियां जो अब हमेशा के लिए आर्ट स्कूल के संग्रह में रहेगी उन्हें भी प्रदर्शित किया गया।
कुछ छात्रों की सृजनात्मक विशेष कलाकृतियों सभी कला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रही जिसमे आयुष पाण्डे की क्ले (मिट्टी) से निर्मित लगभग 8 इंच की बीकानेर के महाराजा सर गंगा सिंह जी की मूर्ति, प्रिया प्रजापत की कैनवास पर बनाई पेंटिंग जिसमे मिट्टी के बर्तन को आधा काटकर लगाया और बाकी सतह पर मिट्टी लगाकर उसे जलाते हुये यह दर्शाने का प्रयास किया है कि प्रकृति से दूर होने का दर्द स्पष्ट दिखयी देता है।
राजीव की कैनवास पर चित्रित राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट की किशनपोल बाजार स्थित पुरानी बिल्डिंग का चारकोल से बनाया चित्र, इसके चित्रण का उद्देश्य यही रहा होगा कि कला विद्यार्थी उस ऐतिहासिक भवन को आज भी बहुत याद करते है। इसी के साथ रवि की फोटोग्राफी इंस्टालेशन के साथ सभी विद्यर्थियों ने भी उलेखनीय कार्य किये है।
प्रदर्शनी के दिन ही प्राचार्य नरेन्द्र सिंह यादव जी की सेवानिवृत्त भी हुई जिसका थोड़ा अफसोस जरूर है कि दो माह के अल्प समय मे इतना उलेखनीय कार्य करते हुए उनकी सेवा का आज ही अंतिम दिन भी था। उच्च शिक्षा मंत्री की विद्यार्थियों से सीधी चर्चा में कई विद्यार्थियों ने तो मंत्री जी से उनका कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह भी कर दिया, इस पर क्या निर्णय होता है नही होता है ये अलग बात है।
धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसायटी, एवं कलावृत्त संस्था द्वारा आयोजित शिविरों के कलाकारों का भी प्राचार्य नरेन्द्र यादव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अभिनन्दन किया एवं सभी वरिष्ठ चित्रकारों एवं मूर्तिकारों के साथ विद्यार्थियों को भी प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। यह कला प्रदर्शनी सभी कला प्रेमियों एवं आमजन के अवलोकनार्थ 31 मार्च तक प्रातः 10 से अपरान्ह 2 बजे तक खुली रहेगी।
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