आंगनबाड़ी केंद्र करेंगे समाज को कुपोषण मुक्त : भदेल
अजमेर। महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि गांव - गांव , ढाणी-ढाणी एवं शहरी मौहल्लों में स्थापित आंगनबाड़ी केन्द्र समाज को कुपोषण करने में विशेष भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने यह बात अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के राबड़िया मौहल्लें में आंगनबाड़ी केंद्र के विभागीय भवन में स्थानान्तरित होने के अवसर पर आयोजित समारोह में कही।
भदेल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के प्रति विशेष संवेदनशील है। वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों से ही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए लाभार्भी पंजीकृत होते है। इन पंजीकृत लाभार्थियों को गृभावस्था के दौरान एवं प्रसव के पश्चात विभिन्न चरणों में 5 हजार रूपए प्रदान किए जाते है। विभिन्न परिस्थितियों के कारण संकोचवश पौष्टिक आहार नहीं मिल पाने की स्थिति में महिलाओं को आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक सहारा मिलता है। आंगनबाड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पूरी मुश्तैदी के साथ जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र प्री प्राइमेरी शिक्षा केंद्र के साथ -साथ गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को कुपोषण मुक्त करने का भी बेड़ा उठा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सेवाएं देने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आ रही है। सरकार ने समेकित महिला एवं बाल विकास सेवाओं को आधुनिकृत करने के लिए स्मार्ट फोन एवं एप का उपयोग करना सुनिश्चित किया है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक अनुपमा अेलर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा अपनी गतिविधियां अंजाम दी जा रही है। इनका राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
भदेल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के प्रति विशेष संवेदनशील है। वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों से ही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए लाभार्भी पंजीकृत होते है। इन पंजीकृत लाभार्थियों को गृभावस्था के दौरान एवं प्रसव के पश्चात विभिन्न चरणों में 5 हजार रूपए प्रदान किए जाते है। विभिन्न परिस्थितियों के कारण संकोचवश पौष्टिक आहार नहीं मिल पाने की स्थिति में महिलाओं को आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक सहारा मिलता है। आंगनबाड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पूरी मुश्तैदी के साथ जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र प्री प्राइमेरी शिक्षा केंद्र के साथ -साथ गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को कुपोषण मुक्त करने का भी बेड़ा उठा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सेवाएं देने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आ रही है। सरकार ने समेकित महिला एवं बाल विकास सेवाओं को आधुनिकृत करने के लिए स्मार्ट फोन एवं एप का उपयोग करना सुनिश्चित किया है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक अनुपमा अेलर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा अपनी गतिविधियां अंजाम दी जा रही है। इनका राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

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