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अजयमेरु प्रेस क्लब द्वारा स्व. मुकेश की स्मृति में आयोजित हुआ स्वरांजलि कार्यक्रम

अजमेर। भारतीय हिंदी सिने जगत के महान पार्श्व गायक स्व. मुकेश की स्मृति में सोमवार को आयोजित स्वरांजलि कार्यक्रम में मुकेश के एक से बढ़कर एक तरानों से सूचना केंद्र का सभागार गूंज उठा। करीब दो घंटे से अधिक समय तक चले गीत संगीत से भरे इस कार्यक्रम में मुकेश के चाहने वाले अंत तक डटे रहे। प्रैस क्लब के सदस्यों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी और श्रोताओं की खूब दाद बटोरी।

कार्यक्रम के आरंभ में क्लब के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश अग्रवाल, राजेंद्र गुंजल, मौजूदा अध्यक्ष प्रतापसिंह सनकत और महासचिव विनीत लोहिया ने स्व. मुकेश के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित की, दीप प्रज्वलित किया। सनकत ने सभी का स्वागत किया।

डॉ. अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि क्लब ऐसे कार्यक्रमों के जरिए सांस्कृतिक विरासत को न केवल जिंदा रखने की कोशिश कर रहा है बल्कि सदस्यों और शहरवासियों को अच्छा मनोरंजन भी उपलब्ध करवा रहा है। पूर्व अध्यक्ष गुंजल ने कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन प्रतापसिंह सनकत, क्लब की सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति के संयोग रजनीश रोहिल्ला ने किया।

इन्होंने दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति 

आनंद शर्मा-सुहाना सफर और ये मौसम हसीं,गिरीराज अग्रवाल- चंदन सा बदन चंचल चितवन, रजनीश रोहिल्ला-डम डम डिगा डिगा मौसम भीगा भीगा, प्रदीप गुप्ता-कहीं दूर जब दिन ढल जाए,अकलेश जैन-दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में, अमित टंडन-तेरी अदाओं पे मर मर गए हम, राजकुमार पारीक-तौबा ये मतवाली चाल, अब्दुल सलाम कुरैशी-वक्त करता जो वफा, राजेंद्र गुंजल-चांद सी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था, नरेंद्र जैन-चांद आहें भरेगा, फरहाद सागर-ये मेरा दीवानापन है, एबीएल माथुर-जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां, डॉ. अतुल दुबे-मुबारक हो सबको समां ये सुहाना, मुकेश परिहार-कई सदियों से कई जनमों से, हेमंत शर्मा-जिंदगी ख्वाब है, डॉ. रमेश अग्रवाल-जिंदा हूं इस तरह के गमे जिंदगी नहीं, प्रतापसिंह सनकत-किसी राह में किसी मोड़ पर, डॉ. अशोक मित्तल- आ लौट के आजा मेरे मीत। क्लब के वरिष्ठ सदस्य पीके शर्मा ने मुकेश पर एक स्वरचित रचना सुनाकर खूब दाद बटोरी।

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