झुंझुनूं में पीएम मोदी, कहा PM का मतलब अब मोदी नहीं, बल्कि 'पोषण मिशन'
झुंझुनूं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के झुंझुनूं में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान विस्तार और नेशनल न्यूट्रीशन अभियान का आगाज किया। इस दौरान पीएम मोदी ने PM का नया मतलब बताते हुए कहा कि अब इसका मतलब मोदी नहीं, बल्कि पोषण मिशन है। इस दौरान प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कई मंत्रीगण समेत प्रशासनिक अमला भी यहां मौजूद रहा।
महिला दिवस के मौके पर झुंझुनूं पहुंचे पीएम मोदी ने यहां आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि झुंझुनूं झुझारसिंहजी की धरती है और यहां घर—घर में विरांगनाएं हैं। ऐसे में झुंझुनूं की धरा में पहुंचना मेरे लिए भी गर्व की बात है। पीएम ने झुंझुनूं जिले की तारीफ करते हुए कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जिस शानदार तरीके से अपनाया है। यहां के परिवारों ने जो काम किया है, उससे स्वाभाविक रूप से मन किया कि चलो झुंझुनूं की मिट्टी को माथे से लगाकर आ जाता हूं।'
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा का काम हो, दान-पुण्य का काम हो, युद्ध हो या अकाल झुंझनूं झुकना नहीं चाहता है। इसलिए झुंझुनू से प्रेरणा मिलती है, सफलता मिलती है तो संतोष होता है कि चलो भाई कुछ सुधार आया। उन्होंने कहा कि वे यहां दो बड़ी सौगातें देने आये हैं, जिनमें एक तो भावी पीढी को सशक्त करने के लिए नेशनल न्यूट्रीशन की सौगात और दूसरी बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान है।
उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ेगी—लिखेगी तो समाज सशक्त, घर सशक्त और प्रदेश भी सशक्त होगा। हम मेहनत करके बेटी को पढाने पर ध्यान दे रहे हैं, हमने अभियान को आगे बढ़ाया है। अच्छे मार्क्स लाने वाली बच्चियों को लैपटाप स्कूटी दी जा रही है, कलेक्टर्स ने बेटियों को गोद लिया है। इसके अलावा अनेकानेक अच्छे अच्छे काम झुंझुनूं में हुए हैं और देश के टॉप दस जिलों में झुंझुनूं भी शामिल हुआ है।
महिला दिवस पर यहां आए पीएम ने महिलाओं और बेटियों का जिक्र करते हुए कहा कि बेटियां हमारे लिए दुर्गा सरस्वती का रुप है। आज 8 मार्च पूरा विश्व 100 साल से भी अधिक समय से महिला दिवस के रुप में इससे जुड़ा हुआ है, लेकिन आज पूरा हिंदुस्तान झुंझूनूं के साथ जुड़ गया है। देश के हर कोने में टैक्नॉलोजी की मदद से झुंझुनूं का भव्य दृश्य देश के कौने कोने में पंहुच रहा है।
पीएम ने कहा कि मैं झुंझुनूं ऐसे ही नहीं आया हूं, सोच विचार करके आया हूं। और आया क्या आपने मुझे खींच लिया है, आपने मुझे यहां आने के लिए मजबूर कर दिया है। आपने बेटी बेटी पटाओ अभियान को इस जिले में आगे बढ़ाया, यहां के हर परिवार ने एक बहुत बड़ा उम्दा काम किया है। इसीलिए मेरा मन किया कि चलो झुंझुनूं की मिट्टी को माथे पर चढ़ा कर आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कई दशकों से सामाजिक बुराईयों के कारण बेटियों को बलि चढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। जब हम सुनते हैं कि 1000 पुरूष के सामने 800 बेटियां तो बहुत दुख होता है। मैं जानता हूं कि चार-चार पीढ़ियों की बुराईयां इकट्ठा हुई है, एक पीढ़ी में सुधार नहीं होगी। लेकिन हम यह तय कर सकते हैं कि, उतनी ही बेटियां पैदा होगी, जितने बेटे। उन्होंने कहा कि 'बेटा-बेटी एक समान' इस भाव को लेकर चलेंगे तो जो दिक्कत पांच-छह पीढ़ी में आयी है, वह दो-तीन पीढ़ी में खत्म हो जायेगी।
महिला दिवस के मौके पर झुंझुनूं पहुंचे पीएम मोदी ने यहां आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि झुंझुनूं झुझारसिंहजी की धरती है और यहां घर—घर में विरांगनाएं हैं। ऐसे में झुंझुनूं की धरा में पहुंचना मेरे लिए भी गर्व की बात है। पीएम ने झुंझुनूं जिले की तारीफ करते हुए कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जिस शानदार तरीके से अपनाया है। यहां के परिवारों ने जो काम किया है, उससे स्वाभाविक रूप से मन किया कि चलो झुंझुनूं की मिट्टी को माथे से लगाकर आ जाता हूं।'
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा का काम हो, दान-पुण्य का काम हो, युद्ध हो या अकाल झुंझनूं झुकना नहीं चाहता है। इसलिए झुंझुनू से प्रेरणा मिलती है, सफलता मिलती है तो संतोष होता है कि चलो भाई कुछ सुधार आया। उन्होंने कहा कि वे यहां दो बड़ी सौगातें देने आये हैं, जिनमें एक तो भावी पीढी को सशक्त करने के लिए नेशनल न्यूट्रीशन की सौगात और दूसरी बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान है।
उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ेगी—लिखेगी तो समाज सशक्त, घर सशक्त और प्रदेश भी सशक्त होगा। हम मेहनत करके बेटी को पढाने पर ध्यान दे रहे हैं, हमने अभियान को आगे बढ़ाया है। अच्छे मार्क्स लाने वाली बच्चियों को लैपटाप स्कूटी दी जा रही है, कलेक्टर्स ने बेटियों को गोद लिया है। इसके अलावा अनेकानेक अच्छे अच्छे काम झुंझुनूं में हुए हैं और देश के टॉप दस जिलों में झुंझुनूं भी शामिल हुआ है।
महिला दिवस पर यहां आए पीएम ने महिलाओं और बेटियों का जिक्र करते हुए कहा कि बेटियां हमारे लिए दुर्गा सरस्वती का रुप है। आज 8 मार्च पूरा विश्व 100 साल से भी अधिक समय से महिला दिवस के रुप में इससे जुड़ा हुआ है, लेकिन आज पूरा हिंदुस्तान झुंझूनूं के साथ जुड़ गया है। देश के हर कोने में टैक्नॉलोजी की मदद से झुंझुनूं का भव्य दृश्य देश के कौने कोने में पंहुच रहा है।
पीएम ने कहा कि मैं झुंझुनूं ऐसे ही नहीं आया हूं, सोच विचार करके आया हूं। और आया क्या आपने मुझे खींच लिया है, आपने मुझे यहां आने के लिए मजबूर कर दिया है। आपने बेटी बेटी पटाओ अभियान को इस जिले में आगे बढ़ाया, यहां के हर परिवार ने एक बहुत बड़ा उम्दा काम किया है। इसीलिए मेरा मन किया कि चलो झुंझुनूं की मिट्टी को माथे पर चढ़ा कर आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कई दशकों से सामाजिक बुराईयों के कारण बेटियों को बलि चढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। जब हम सुनते हैं कि 1000 पुरूष के सामने 800 बेटियां तो बहुत दुख होता है। मैं जानता हूं कि चार-चार पीढ़ियों की बुराईयां इकट्ठा हुई है, एक पीढ़ी में सुधार नहीं होगी। लेकिन हम यह तय कर सकते हैं कि, उतनी ही बेटियां पैदा होगी, जितने बेटे। उन्होंने कहा कि 'बेटा-बेटी एक समान' इस भाव को लेकर चलेंगे तो जो दिक्कत पांच-छह पीढ़ी में आयी है, वह दो-तीन पीढ़ी में खत्म हो जायेगी।
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