ट्रांसफर के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को शिक्षा राज्य मंत्री कार्यालय का खुला आॅफर
जयपुर। भाजपा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को शिक्षा मंत्रालय की ओर से खुला आॅफर मिला है। ये आॅफर ट्रांसफर का है और इस आॅफर के तहत बीजेपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी स्वयं का या उनके परिवार के सदस्य का ट्रांसफर करा सकते हैं। शिक्षा राज्य मंत्री के कार्यालय से ये सूचना जारी की गई है, जिस पर मंत्री देवनानी के विशिष्ट सहायक भरत कुमार शर्मा के हस्ताक्षर भी मौजूद है।
गौरतलब है कि इससे पहले स्वास्थ्य महकमे की ओर से भी बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विशेष सेवा लाभ के लिए अलग रूम अलॉट किए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। सरकार की ओर से लिए जा रहे इन फैसलों से साफ है कि सरकार चुनावी साल होने के चलते अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को लाभ पहुंचाना चाह रही है, जिसका फायदा उन्हें चुनावों में मिल सके। या फिर यूं भी कहा जा सकता है कि चुनावों से पहले बीजेपी सरकार अपने कार्यकर्ताओं की मानमनुहार में जुट गई है।
हालांकि शिक्षक और कर्मचारी संगठनों को सरकार का ये फैसला रास नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि सरकार शिक्षक को किसी भी राजनीतिक दल से दूर रहने की बात कहती है और अब पार्टी से जुड़े हुए के मनचाहे ट्रांसफर करने का फैसला कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि सरकार का ये फैसला नैतिकता और संविधान के खिलाफ है और यदि सरकार अपना ये फैसला वापस नहीं लेती तो कांग्रेस इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।
गौरतलब है कि इससे पहले स्वास्थ्य महकमे की ओर से भी बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विशेष सेवा लाभ के लिए अलग रूम अलॉट किए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। सरकार की ओर से लिए जा रहे इन फैसलों से साफ है कि सरकार चुनावी साल होने के चलते अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को लाभ पहुंचाना चाह रही है, जिसका फायदा उन्हें चुनावों में मिल सके। या फिर यूं भी कहा जा सकता है कि चुनावों से पहले बीजेपी सरकार अपने कार्यकर्ताओं की मानमनुहार में जुट गई है।
हालांकि शिक्षक और कर्मचारी संगठनों को सरकार का ये फैसला रास नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि सरकार शिक्षक को किसी भी राजनीतिक दल से दूर रहने की बात कहती है और अब पार्टी से जुड़े हुए के मनचाहे ट्रांसफर करने का फैसला कर रही है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि सरकार का ये फैसला नैतिकता और संविधान के खिलाफ है और यदि सरकार अपना ये फैसला वापस नहीं लेती तो कांग्रेस इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।

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