राजीव महर्षि बने देश के नए CAG, राष्ट्रपति भवन में शपथ के साथ किया पद ग्रहण
नई दिल्ली। राजस्थान कैडर से ताल्लुक रखने वाली 1978 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी, राजीव महर्षि देश के नए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) बन गए हैं। उन्होंने आज राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष देश के नए सीएजी के रूप में शपथ ली और सदस्यता ग्रहण की। महर्षि ने शशिकांत शर्मा के आज सेवानिवृत्त होने पर देश के नए सीएजी के रूप में ये पद संभाला है।
62 वर्षीय सेवानिवृत्त आईएएस और पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि का सीएजी के रूप में कार्यकाल 7 अगस्त को 2020 तक रहेगा। निर्धारित नियमों के अनुसार, सीएजी को छह साल की अवधि या फिर अधिकारी की उम्र 65 वर्ष तक होने तक में से जो भी पहले हो, तब तक के लिए नियुक्त किया जाता है। महर्षि ने पिछले महीने ही गृह सचिव के रूप में अपनी दो साल को कार्यकाल पूरा किया है।
गौरतलब है कि संवैधानिक अधिकारी के रूप में, सीएजी मुख्य रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के खातों के लेखा-परीक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। वहीं कैग की रिपोर्ट संसद और राज्यों की विधानसभाओं के समक्ष पेश की जाती है।
राजस्थान से आने वाले महर्षि ने ग्लासगो (यूके) के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की डिग्री ली है। वहीं उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) और बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) की डिग्री भी प्राप्त की है। इसके साथ ही महर्षि ने अपने कैडर राज्य राजस्थान और केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
गृह सचिव के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने राजस्थान के आर्थिक मामलों के सचिव एवं मुख्य सचिव के रूप में काम किया। वहीं महर्षि रसायन एवं उर्वरक विभाग प्रवासी भारतीय मामले में सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
62 वर्षीय सेवानिवृत्त आईएएस और पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि का सीएजी के रूप में कार्यकाल 7 अगस्त को 2020 तक रहेगा। निर्धारित नियमों के अनुसार, सीएजी को छह साल की अवधि या फिर अधिकारी की उम्र 65 वर्ष तक होने तक में से जो भी पहले हो, तब तक के लिए नियुक्त किया जाता है। महर्षि ने पिछले महीने ही गृह सचिव के रूप में अपनी दो साल को कार्यकाल पूरा किया है।
गौरतलब है कि संवैधानिक अधिकारी के रूप में, सीएजी मुख्य रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के खातों के लेखा-परीक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। वहीं कैग की रिपोर्ट संसद और राज्यों की विधानसभाओं के समक्ष पेश की जाती है।
राजस्थान से आने वाले महर्षि ने ग्लासगो (यूके) के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की डिग्री ली है। वहीं उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) और बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) की डिग्री भी प्राप्त की है। इसके साथ ही महर्षि ने अपने कैडर राज्य राजस्थान और केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
गृह सचिव के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने राजस्थान के आर्थिक मामलों के सचिव एवं मुख्य सचिव के रूप में काम किया। वहीं महर्षि रसायन एवं उर्वरक विभाग प्रवासी भारतीय मामले में सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
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