अपने 67वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने देश को दिया सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का तोहफा
नर्मदा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने जन्मदिवस के अवसर पर गुजरात में पिछले कई दशकों से विवादों में घिरी रही सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का लोकार्पण कर देश को समर्पित किया है। गौरतलब है कि इस परियोजना का लगातार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है लेकिन ये परियोजनाएं अपनी अनुमानित लागत से काफ़ी ऊपर चली गई हैं, जिसे लेकर ये लगातार विवादों में घिरी रहीं।
पीएम मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर किया सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया। इसके साथ ही गुजरात के दभोई में आयोजित जनसभा को भी उन्होंने संबोधित किया। गौरतलब है कि सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना आजादी के बाद से ही एक महत्वकांक्षी योजना रही है, लेकिन कई कारणों से इसका काम बार-बार बाधित होता रहा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसके लोकार्पण के साथ ही यह परियोजना पूरी हो गई है। इस परियोजना से गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र को लाभ मिलेगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कि इस सरोवर को बनाने में हमने तमाम अड़चनें भी झेली है।विश्व बैंक से मदद मांगी तो उन्होंने फंड रिलीज करने से मना कर दिया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि ये सब गुजरात के संतों ने हमारा भरपूर साथ दिया और गुजरात के मंदिरों से भी पैसे दिए गए थे और तब जाकर सरदार सरोवर डैम का सपना साकार हो पाया।
दभोई में जनसभा आयोजित करने से पहले पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कार्य का जायजा लेने भी गए थे। पीएम मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और बताया कि सरदार सरोवर बांध के बनने में कितनी मुश्किलें सामने आई थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के सपने साकार करने के लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति जुटाकर एक नए भारत को पाकर रहना है। एक दुबले-पतले गांधी साधना करते-करते आजादी के लिए देश को जोड़ सकते हैं तो मां नर्मदा के आशीर्वाद से एक नए भारत का निर्माण बनाने में कोई कमी नहीं रखेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान की सीमा पर खड़े बीएसएफ के जवानों तक मैंने नर्मदा का पानी पहुंचाने की बात ठान ली थी। ये गुजरात के ही नहीं महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश के किसानों के भी भाग्य को बदलने वाली परियोजना है। ठान लिया था कि इसे राजनीति का शिकार नहीं बनने देंगे।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने बहुत पहले सरदार सरोवर बांध का सपना देखा था। बाबा साहब अंबेडकर और सरदार पटेल अगर कुछ समय और जीवित रहते तो देश कामयाबी की नई ऊंचाइयों पर होता। आज सरदार सरोवर बांध सवा सौ करोड़ देशवासियों को समर्पित हो रहा। देश की नई ताकत का ये एक नया प्रतीक बनेगा।
पीएम मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर किया सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया। इसके साथ ही गुजरात के दभोई में आयोजित जनसभा को भी उन्होंने संबोधित किया। गौरतलब है कि सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना आजादी के बाद से ही एक महत्वकांक्षी योजना रही है, लेकिन कई कारणों से इसका काम बार-बार बाधित होता रहा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसके लोकार्पण के साथ ही यह परियोजना पूरी हो गई है। इस परियोजना से गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र को लाभ मिलेगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कि इस सरोवर को बनाने में हमने तमाम अड़चनें भी झेली है।विश्व बैंक से मदद मांगी तो उन्होंने फंड रिलीज करने से मना कर दिया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि ये सब गुजरात के संतों ने हमारा भरपूर साथ दिया और गुजरात के मंदिरों से भी पैसे दिए गए थे और तब जाकर सरदार सरोवर डैम का सपना साकार हो पाया।
दभोई में जनसभा आयोजित करने से पहले पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कार्य का जायजा लेने भी गए थे। पीएम मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और बताया कि सरदार सरोवर बांध के बनने में कितनी मुश्किलें सामने आई थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के सपने साकार करने के लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति जुटाकर एक नए भारत को पाकर रहना है। एक दुबले-पतले गांधी साधना करते-करते आजादी के लिए देश को जोड़ सकते हैं तो मां नर्मदा के आशीर्वाद से एक नए भारत का निर्माण बनाने में कोई कमी नहीं रखेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान की सीमा पर खड़े बीएसएफ के जवानों तक मैंने नर्मदा का पानी पहुंचाने की बात ठान ली थी। ये गुजरात के ही नहीं महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश के किसानों के भी भाग्य को बदलने वाली परियोजना है। ठान लिया था कि इसे राजनीति का शिकार नहीं बनने देंगे।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने बहुत पहले सरदार सरोवर बांध का सपना देखा था। बाबा साहब अंबेडकर और सरदार पटेल अगर कुछ समय और जीवित रहते तो देश कामयाबी की नई ऊंचाइयों पर होता। आज सरदार सरोवर बांध सवा सौ करोड़ देशवासियों को समर्पित हो रहा। देश की नई ताकत का ये एक नया प्रतीक बनेगा।
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