फिर लौटी सीमेंट फैक्ट्री मजदूर की आंख की खोई हुई रोशनी
अजमेर। पुष्कर रोड स्थित मित्तल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर अजमेर में अब रेटिना के उपचार की सुविधा भी उपलब्ध है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीत चंडक के दक्ष हाथों से नेत्र रोगियों को रेटिना संबंधित उपचार की सुविधाएं मिल रही है। ब्यावर निवासी अवधेश कुमार की आंख में पत्थर से चोट लगने के कारण आंख की रोशनी चली गई थी। मित्तल हॉस्पिटल में उसके आंख के पर्दे का ऑपरेशन कर 50 प्रतिशत तक खोई आंखों की रोशनी वापस लौटा दी।
मित्तल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. दिलीप मित्तल ने बताया कि लेजर तकनीक द्वारा डायबिटिक रेटिनोपैथी के रोग की रोकथाम, रेटिनल डिटेचमेंट ( पर्दा पलटना) का ऑपरेशन वेट्रेक्टॉमी 23जी से व सिलिकॉन ऑयल द्वारा पर्दे को चिपकाना, ऑंख में ऑपरेशन पश्चात इन्फेक्शन होने की स्थिति में विट्रेक्टॉमी ऑपरेशन से रोकथाम तथा पर्दे में खून के रिसाव की वजह से सूजन के लिए इन्जेक्शन आदि उपचार सुविधाएं पीड़ितों को मिलने लगी है।
मित्तल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर पर रेटिना सर्जन डॉ. विनीत चंडक कालेपानी की जांच एवं ऑपरेशन, फेको मशीन द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, मोतियाबिंद ऑपरेशन में फोल्डेबल लैंस, मल्टीफोकल एव टोरिक लैंस लगा कर चश्में से आजादी, नासूर, नाखूना एवं आंखों के अन्य सभी प्रकार के ऑपरेशन, आंख में धातु इत्यादि के कण का इलाज, बच्चों में आंख के पर्दे की जांच आदि किया करते थे। अब उन्होंने आगे भी नियमित रूप से मित्तल हॉस्पिटल में ही आंख के पर्दे के ऑपरेशन भी शुरू कर दिए हैं।
डॉ. विनीत चंडक ने बताया कि अवधेश कुमार राबडियावास तहसील जैतारण जिला पाली स्थित किसी सीमेंट फैक्ट्री में काम करते हुए आंॅख में पत्थर लगने से चोटिल हुआ था। उसके आंॅख का हीरा फट गया था व मोतियाबिंद बन गया था, पत्थर भी आंख के अन्दर चले जाने के कारण आंख के पर्दे में खून जमा हो गया था। उन्होंने बताया कि अवधेश का एक्स -रे व सोनोग्राफी की मदद से पत्थर की सही स्थिति का पता लगाया गया फिर मित्तल हॉस्पिटल में विट्रेक्टॉमी मशीन द्वारा सफलता पूर्वक आंख से पत्थर निकाला गया। लेजर एवं सिलिकॉन ऑयल द्वारा पर्दे का चिपकाया गया। चोट के कारण हुए मोतियाबिंद को साफ करके कृत्रिम लैंस प्रत्यारोपण किया गया। बकौल अवधेश उसे उपचार के बाद आराम है।
डॉ. विनीत चंडक ने बताया कि वर्तमान में डायबिटीज, ब्लडप्रेशर व अन्य कारणों से आंखों के पर्दे की बढ़ती बीमारियों का आधुनिक मशीनों द्वारा उपचार एवं शीघ्र जांच से डायबिटीज रेटिनापैथी के गंभीर परिणामों से बचाव की सुविधा उपलब्ध है। मित्तल हॉस्पिटल में आगे भी पर्दे के ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
मित्तल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. दिलीप मित्तल ने बताया कि लेजर तकनीक द्वारा डायबिटिक रेटिनोपैथी के रोग की रोकथाम, रेटिनल डिटेचमेंट ( पर्दा पलटना) का ऑपरेशन वेट्रेक्टॉमी 23जी से व सिलिकॉन ऑयल द्वारा पर्दे को चिपकाना, ऑंख में ऑपरेशन पश्चात इन्फेक्शन होने की स्थिति में विट्रेक्टॉमी ऑपरेशन से रोकथाम तथा पर्दे में खून के रिसाव की वजह से सूजन के लिए इन्जेक्शन आदि उपचार सुविधाएं पीड़ितों को मिलने लगी है।
मित्तल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर पर रेटिना सर्जन डॉ. विनीत चंडक कालेपानी की जांच एवं ऑपरेशन, फेको मशीन द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, मोतियाबिंद ऑपरेशन में फोल्डेबल लैंस, मल्टीफोकल एव टोरिक लैंस लगा कर चश्में से आजादी, नासूर, नाखूना एवं आंखों के अन्य सभी प्रकार के ऑपरेशन, आंख में धातु इत्यादि के कण का इलाज, बच्चों में आंख के पर्दे की जांच आदि किया करते थे। अब उन्होंने आगे भी नियमित रूप से मित्तल हॉस्पिटल में ही आंख के पर्दे के ऑपरेशन भी शुरू कर दिए हैं।
डॉ. विनीत चंडक ने बताया कि अवधेश कुमार राबडियावास तहसील जैतारण जिला पाली स्थित किसी सीमेंट फैक्ट्री में काम करते हुए आंॅख में पत्थर लगने से चोटिल हुआ था। उसके आंॅख का हीरा फट गया था व मोतियाबिंद बन गया था, पत्थर भी आंख के अन्दर चले जाने के कारण आंख के पर्दे में खून जमा हो गया था। उन्होंने बताया कि अवधेश का एक्स -रे व सोनोग्राफी की मदद से पत्थर की सही स्थिति का पता लगाया गया फिर मित्तल हॉस्पिटल में विट्रेक्टॉमी मशीन द्वारा सफलता पूर्वक आंख से पत्थर निकाला गया। लेजर एवं सिलिकॉन ऑयल द्वारा पर्दे का चिपकाया गया। चोट के कारण हुए मोतियाबिंद को साफ करके कृत्रिम लैंस प्रत्यारोपण किया गया। बकौल अवधेश उसे उपचार के बाद आराम है।
डॉ. विनीत चंडक ने बताया कि वर्तमान में डायबिटीज, ब्लडप्रेशर व अन्य कारणों से आंखों के पर्दे की बढ़ती बीमारियों का आधुनिक मशीनों द्वारा उपचार एवं शीघ्र जांच से डायबिटीज रेटिनापैथी के गंभीर परिणामों से बचाव की सुविधा उपलब्ध है। मित्तल हॉस्पिटल में आगे भी पर्दे के ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

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