सरकारी विज्ञापनों के घोटाले मामले में क्रियोन्स के निदेशक को राहत से इंकार
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने करोडों रुपए के सरकारी विज्ञापनों के घोटाले के मामले में क्रियोन्स एड एजेन्सी के निदेशक अजय चौपड़ा को राहत देने से इंकार कर दिया है। अदालत ने चौपड़ा की ओर से पेश जमानत अर्जियों और आपराधिक याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायाधीश बनवारीलाल शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश दिए।
आपराधिक याचिकाओं में चौपड़ा ने उसके खिलाफ एसीबी में दर्ज पांच एफआईआर को रद्द करने की गुहार की थी। वहीं जमानत अर्जियों में जेल से रिहाई मांगी गई थी। याचिकाओं में कहा गया था कि उसे राजनीतिक द्वेषता के चलते फंसाया गया है।
मामले के अनुसार शंकरलाल ने वर्ष 2014 में एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि 2008 से 2013 तक सरकारी विज्ञापन क्रियोन्स के माध्यम से जारी किए गए, जिसमें मिलीभगत कर करोडों रुपए का घोटाला किया गया। सरकार से भुगतान उठाने के बाद कई विज्ञापन को दिखाए ही नहीं गए और कई विज्ञापनों की उच्च दरें सरकार से वसूली गई। प्रकरण में उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद गत 2 मई को चौपड़ा ने अदालत में समर्पण किया था।
आपराधिक याचिकाओं में चौपड़ा ने उसके खिलाफ एसीबी में दर्ज पांच एफआईआर को रद्द करने की गुहार की थी। वहीं जमानत अर्जियों में जेल से रिहाई मांगी गई थी। याचिकाओं में कहा गया था कि उसे राजनीतिक द्वेषता के चलते फंसाया गया है।
मामले के अनुसार शंकरलाल ने वर्ष 2014 में एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि 2008 से 2013 तक सरकारी विज्ञापन क्रियोन्स के माध्यम से जारी किए गए, जिसमें मिलीभगत कर करोडों रुपए का घोटाला किया गया। सरकार से भुगतान उठाने के बाद कई विज्ञापन को दिखाए ही नहीं गए और कई विज्ञापनों की उच्च दरें सरकार से वसूली गई। प्रकरण में उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद गत 2 मई को चौपड़ा ने अदालत में समर्पण किया था।
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