‘न्याय आपके द्वार - 2017’ 8 मई से 30 जून तक
अजमेर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा गांवों की राजस्व संबंधी समस्याओं के समाधान और ग्रामीणों को उनके घर के पास ही न्याय दिलाने के लिए चलाया जा रहा राजस्व लोक अदालत अभियान: न्याय आपके द्वार इस साल 8 मई से 30 जून तक आयोजित किया जाएगा। अभियान में राजस्व संबंधी विभिन्न वाद एवं समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि राजस्व लोक अदालतों में राजस्थान काश्तकार अधिनियम 1955 की धारा 53, 88, 188, 183 के तहत दर्ज मुकदमें एवं इजराज के प्रार्थना पत्र, पत्थरगढ़ी एवं सीमाज्ञान, भू-राजस्व अधिनियम 1956 की कार्यवाही के संबंध में लम्बित अपीलें, विभिन्न तरह के लम्बित वादों व प्रार्थना पत्रों के परिप्रेक्ष्य में अन्य प्रकार के प्रकरणों को निस्तारित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसी तरह बंद रास्तों को खुलवाने, संकड़े रास्तों का अतिक्रमण हटाने तथा नए रास्ते दर्ज कराने सहित रास्ता संबंधी समस्याओं का निवारण, ग्राम पंचायत के लम्बित सभी नामान्तरकरणों का निस्तारण, पारिवारिक कृषि भूमि के सहमति से विभाजन के नवीन प्रकरण दर्ज कर अभियान दिवस का निस्तारण, लंबित गैर खातेदारी के प्रकरणों में खातेदारी दिया जाना, राजस्व अभिलेखों में लिपिकीय त्राुटियों का शुद्धिकरण, नवीन राजस्व ग्रामों के लिए नोम्र्स के लिये प्रस्ताव तैयार किया जाना आदि कार्य किए जाएंगे।
गोयल ने बताया कि राजस्व लोक अदालत के संबंध मे राजस्व मण्डल की ओर से समय -समय पर जारी परिपत्रों का गहन अध्ययन कर उपरोक्त प्रकरणों का निस्तारण राजस्व लोक अदालतों में किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। राजस्व लोक अदालत अभियान के आयोजन के संदर्भ में विभिन्न व्यवस्थाएं निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित की गई है। अभियान में व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं से संबंधित विभागों की भी भागीदारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि जमाबन्दियों में लिपिकीय त्राुटियों के चिह्नीकरण एवं लंबित नामान्तरकरणों के प्रकरणों को चिह्नित किए जाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत पर राजस्व लोक अदालत अभियान से पूर्व ग्राम पंचायत के सभी राजस्व ग्रामों की जमाबंदी का पठन कर प्रकरणों को चिह्नित किया जा रहा है। साथ ही आवेदन पत्र भी तैयार कराए जा रहे है। ताकि अभियान के दिवस निस्तारण संभव हो सके।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि राजस्व लोक अदालतों में राजस्थान काश्तकार अधिनियम 1955 की धारा 53, 88, 188, 183 के तहत दर्ज मुकदमें एवं इजराज के प्रार्थना पत्र, पत्थरगढ़ी एवं सीमाज्ञान, भू-राजस्व अधिनियम 1956 की कार्यवाही के संबंध में लम्बित अपीलें, विभिन्न तरह के लम्बित वादों व प्रार्थना पत्रों के परिप्रेक्ष्य में अन्य प्रकार के प्रकरणों को निस्तारित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसी तरह बंद रास्तों को खुलवाने, संकड़े रास्तों का अतिक्रमण हटाने तथा नए रास्ते दर्ज कराने सहित रास्ता संबंधी समस्याओं का निवारण, ग्राम पंचायत के लम्बित सभी नामान्तरकरणों का निस्तारण, पारिवारिक कृषि भूमि के सहमति से विभाजन के नवीन प्रकरण दर्ज कर अभियान दिवस का निस्तारण, लंबित गैर खातेदारी के प्रकरणों में खातेदारी दिया जाना, राजस्व अभिलेखों में लिपिकीय त्राुटियों का शुद्धिकरण, नवीन राजस्व ग्रामों के लिए नोम्र्स के लिये प्रस्ताव तैयार किया जाना आदि कार्य किए जाएंगे।
गोयल ने बताया कि राजस्व लोक अदालत के संबंध मे राजस्व मण्डल की ओर से समय -समय पर जारी परिपत्रों का गहन अध्ययन कर उपरोक्त प्रकरणों का निस्तारण राजस्व लोक अदालतों में किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। राजस्व लोक अदालत अभियान के आयोजन के संदर्भ में विभिन्न व्यवस्थाएं निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित की गई है। अभियान में व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं से संबंधित विभागों की भी भागीदारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि जमाबन्दियों में लिपिकीय त्राुटियों के चिह्नीकरण एवं लंबित नामान्तरकरणों के प्रकरणों को चिह्नित किए जाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत पर राजस्व लोक अदालत अभियान से पूर्व ग्राम पंचायत के सभी राजस्व ग्रामों की जमाबंदी का पठन कर प्रकरणों को चिह्नित किया जा रहा है। साथ ही आवेदन पत्र भी तैयार कराए जा रहे है। ताकि अभियान के दिवस निस्तारण संभव हो सके।
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