स्पेन के दम्पत्ति ने लिया भारत की बेटी गोद, कलक्टर ने अन्तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण योजना के तहत दी बच्ची
अजमेर। अजमेर के शिशु गृह में रहने वाली बच्ची अब स्पेन के दम्पत्ति के आंगन में पलेगी। जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने अन्तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण योजना के तहत आज बच्ची को स्पेन के दम्पत्ति को सौंपा।
जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने बताया कि राजकीय बालिका गृह, लोहागल, अजमेर में शिशु गृह की एक वर्ष की परित्यक्त बालिका को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 एवं भारत सरकार की ओर से जारी बच्चों के दत्तक मार्गदर्शी सिद्धांत, 2017 के तहत अन्तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण योजना के अन्तर्गत स्पेन निवासी दम्पत्ति श्री अल्बर्टो लोपेज एवं श्रीमती लोरेना कोरेस्को को सौंपा गया। जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने स्वयं बच्ची को दम्पत्ति के सुपुर्द किया।
उन्होंने बताया कि दम्पत्ति को प्राधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण अभिकरण (कारा) की अभिशंषा एवं भारत सरकार के केन्द्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण (एएफएए) के अनुमोदन के पश्चात् माननीय पारिवारिक न्यायालय, अजमेर द्वारा जारी एडोप्शन डिक्री द्वारा बालिका को दत्तक ग्रहण में दिये जाने के आदेश दिये गये थे। भारत सरकार के दत्तक ग्रहण के लिये मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार ऎसे लावारिस, अभ्यर्पित, परित्यक्त बच्चे जिनको विधि मुक्त घोषित किये जाने के बाद 60 दिनों तक भारतीय दम्पत्तियों द्वारा दत्तक ग्रहण हेतु स्वीकार नहीं किया जाता है, वे बच्चे विदेशी दत्तक ग्रहण में दिये जाते हैं।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक जयप्रकाश, संजय सावलानी, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग, अदिति माहेश्वरी, अधीक्षक, बालिका गृह एवं फरहाना खान्, समन्वयक, शिशु गृह उपस्थित थे।
जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने बताया कि राजकीय बालिका गृह, लोहागल, अजमेर में शिशु गृह की एक वर्ष की परित्यक्त बालिका को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 एवं भारत सरकार की ओर से जारी बच्चों के दत्तक मार्गदर्शी सिद्धांत, 2017 के तहत अन्तर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण योजना के अन्तर्गत स्पेन निवासी दम्पत्ति श्री अल्बर्टो लोपेज एवं श्रीमती लोरेना कोरेस्को को सौंपा गया। जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने स्वयं बच्ची को दम्पत्ति के सुपुर्द किया।
उन्होंने बताया कि दम्पत्ति को प्राधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण अभिकरण (कारा) की अभिशंषा एवं भारत सरकार के केन्द्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण (एएफएए) के अनुमोदन के पश्चात् माननीय पारिवारिक न्यायालय, अजमेर द्वारा जारी एडोप्शन डिक्री द्वारा बालिका को दत्तक ग्रहण में दिये जाने के आदेश दिये गये थे। भारत सरकार के दत्तक ग्रहण के लिये मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार ऎसे लावारिस, अभ्यर्पित, परित्यक्त बच्चे जिनको विधि मुक्त घोषित किये जाने के बाद 60 दिनों तक भारतीय दम्पत्तियों द्वारा दत्तक ग्रहण हेतु स्वीकार नहीं किया जाता है, वे बच्चे विदेशी दत्तक ग्रहण में दिये जाते हैं।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक जयप्रकाश, संजय सावलानी, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग, अदिति माहेश्वरी, अधीक्षक, बालिका गृह एवं फरहाना खान्, समन्वयक, शिशु गृह उपस्थित थे।

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