झूलेलाल साहब के वंशजों के सानिध्य में चालीहा उत्सव का समापन आज
अजमेर। सिंधी समाज के इष्ट देव झूलेलाल साहब की चालीस दिवसीय उपासना का पर्व झूलेलाल चालीहा आज हर्षोल्लास के साथ फायसागर उद्यान पर संपन्न होगा। यह जानकारी देते हुए पूज्य लाल साहब मंदिर सेवा ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी प्रभु लौंगानी ने बताया कि दिल्ली गेट स्थित झूलेलाल धाम में आज शुक्रवार को सुबह आरती के बाद पूज्य लाल साहब के वंशज साईं गुल ठकुर, साईं मनीष लाल ठकुर, नितिन ठकुर के सानिध्य में सुबह 11 बजे बहराना साहब की स्थापना, अखो (आहुति)अर्पण, भगत, पंजड़ा गायन के बाद महाज्योति प्रज्वलन व दोपहर 2 बजे ढोल शहनाई व बैंड बाजे के साथ नाचते डांडिया नृत्य करते हुए कलश यात्रा झूलेलाल धाम से गंज तक निकाली जाएगी जहां से सैकड़ों श्रद्धालु बसों द्वारा फायसागर उद्यान पहुंचेंगे फायसागर पर गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में शाम 4:30 बजे से धार्मिक कार्यक्रम भजन सरिता के साथ प्रारंभ होगा जिसमें प्रसिद्ध संगीतकार और गायकों के साथ पूज्य लालसाहब मंदिर सेवा मंडली द्वारा शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा शाम 7:30 बजे महाआरती के बाद 8 बजे दरिया पूजन व कलश परवान का कार्यक्रम होगा 8:15 बजे आम भंडारे की प्रसादी के साथ झूलेलाल चालीहा उत्सव की समाप्ति होगी।
ट्रस्ट के महासचिव जय किशन पारवानी के अनुसार 40 दिनों तक कठोर तपस्या (व्रत)करने वाले व्रत धारियों को शनिवार सुबह 9:30 बजे झूलेलाल धाम परिसर में विद्वान पंडित श्री आत्माराम जी महाराज द्वारा पूजा पाठ के साथ अछुट देकर व्रत से मुक्ति दी जाएगी ट्रस्ट के दौलतराम पमनानी, हेमनदास छबलानी, संतोष कुमार भवनानी, शंकर दास बदलानी, पदम कुमार लखानी, ताराचंद लालवानी, हीरानंद कलवानी आदि ने समाज के सभी बंधुओं से अधिकाधिक संख्या में उक्त कार्यक्रम में भाग लेकर धर्म लाभ कमाने की अपील की है।
ट्रस्ट के महासचिव जय किशन पारवानी के अनुसार 40 दिनों तक कठोर तपस्या (व्रत)करने वाले व्रत धारियों को शनिवार सुबह 9:30 बजे झूलेलाल धाम परिसर में विद्वान पंडित श्री आत्माराम जी महाराज द्वारा पूजा पाठ के साथ अछुट देकर व्रत से मुक्ति दी जाएगी ट्रस्ट के दौलतराम पमनानी, हेमनदास छबलानी, संतोष कुमार भवनानी, शंकर दास बदलानी, पदम कुमार लखानी, ताराचंद लालवानी, हीरानंद कलवानी आदि ने समाज के सभी बंधुओं से अधिकाधिक संख्या में उक्त कार्यक्रम में भाग लेकर धर्म लाभ कमाने की अपील की है।

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