टावर तकनीशियनों ने टेलीकॉम साइटों को किया आग के हवाले, टेलीकाॅम सेवाएं बाधित
नागौर। राजस्थान के नागौर जिले में चार तकनीशियन 20 से 22 जून 2018 के बीच, टेलीकाॅम टाॅवर की दो साइट्स-गुडा भगवान दास और रायधनु में आग लगाने के आरोपी हैं। इस घटना से न केवल अनिवार्य सेवाएं बाधित हुई, बल्कि 10 साइटों को भी नुकसान पहुंचा, जिससे एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन और जियो के नेटवर्क में रूकावट आई। क्षतिग्रस्त टेलीकॉम टॉवरो के सुरक्षा प्रभारी द्वारा सदर - रायधनु, पाॅचोडी - गुडा, श्री बालाजी, सुरपालिया, गोटन, कुचेरा, चितवा, जायल, बडीखाटु और पीलवा के पुलिस स्टेशनों में दर्ज एफआईआर के अनुसार आरोपियों में अरविंद सिंह, प्रदीप भांबू, प्रहलाद कुमार और कमल जोशी शामिल है।
इस घटना से खींवसर और नागौर तहसीलों के समूचे क्षेत्र में टेलीकाॅम नेटवर्क बाधित हुआ, जिससे इस क्षेत्र में 100 से अधिक कनेक्टेड साइट प्रभावित हुईं। इनमें सभी आरोपी तकनीशियन नुकसान करने के जिम्मेदार हैं। जैसे कि उन्होंने साइटों को जानबूझकर बंद किया और तार काटे। अपराधियों द्वारा किये गये इस कुकृत्य से इस क्षेत्र के लोगों को काफी असहूलियत हुई और उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई। चार आरोपी तकनीशियनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है।
पुलिस जांच में पाया गया कि टाॅवर कंपनी उल्लेखनीय मात्रा में डीजल की आपूर्ति करती थी और जिसके बाद यह तकनीशियन उसकी कालाबाजारी करते थे। डीजल की आपूर्ति बंद होने के बाद उन्होंने इस हिंसक घटना को अंजाम दिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में पिछले कुछ समय से यह पाया गया है कि तकनीशियन अपने अनैतिक हितों के कारण टाॅवरों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाते हैं।
इस तरह के नुकसान के पीछे एक मुख्य कारण था कि जब टाॅवर कंपनियों ने डीजल देने से मना कर दिया तो टाॅवर तकनीशियन आवेश में आ गये। साथ ही टावर कंपनियों ने जब बिजनेस के सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाये और दक्षता बढ़ाने तथा फील्ड अनुशासन बरकरार रखने के लिए टाॅवरों द्वारा की जाने वाली डीजल खपत पर निगरानी रखी जाने लगी, तो इसके परिणामस्वरूप, तकनीशियनों ने इस कृत्य को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि दूरसंचार उद्योग देश की बैकबोन के रूप में काम करता है और भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है, जहाँ 1.20 बिलियन उपभोक्ता हैं। जीएसएमए (जीएसएम असोसिएशन) और बीसीजी (बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मोबाइल अर्थव्यवस्था बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है और इसका भारत के जीडीपी में बड़ा योगदान होगा। टाॅवर टेलीकाॅम उद्योग का आधार हैं, जिनसे अंतिम उपभोक्ताओं को वाॅइस और डाटा कनेक्टिविटी मिलती है और यह भारत की वृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस घटना से खींवसर और नागौर तहसीलों के समूचे क्षेत्र में टेलीकाॅम नेटवर्क बाधित हुआ, जिससे इस क्षेत्र में 100 से अधिक कनेक्टेड साइट प्रभावित हुईं। इनमें सभी आरोपी तकनीशियन नुकसान करने के जिम्मेदार हैं। जैसे कि उन्होंने साइटों को जानबूझकर बंद किया और तार काटे। अपराधियों द्वारा किये गये इस कुकृत्य से इस क्षेत्र के लोगों को काफी असहूलियत हुई और उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई। चार आरोपी तकनीशियनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है।
पुलिस जांच में पाया गया कि टाॅवर कंपनी उल्लेखनीय मात्रा में डीजल की आपूर्ति करती थी और जिसके बाद यह तकनीशियन उसकी कालाबाजारी करते थे। डीजल की आपूर्ति बंद होने के बाद उन्होंने इस हिंसक घटना को अंजाम दिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में पिछले कुछ समय से यह पाया गया है कि तकनीशियन अपने अनैतिक हितों के कारण टाॅवरों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाते हैं।
इस तरह के नुकसान के पीछे एक मुख्य कारण था कि जब टाॅवर कंपनियों ने डीजल देने से मना कर दिया तो टाॅवर तकनीशियन आवेश में आ गये। साथ ही टावर कंपनियों ने जब बिजनेस के सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाये और दक्षता बढ़ाने तथा फील्ड अनुशासन बरकरार रखने के लिए टाॅवरों द्वारा की जाने वाली डीजल खपत पर निगरानी रखी जाने लगी, तो इसके परिणामस्वरूप, तकनीशियनों ने इस कृत्य को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि दूरसंचार उद्योग देश की बैकबोन के रूप में काम करता है और भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है, जहाँ 1.20 बिलियन उपभोक्ता हैं। जीएसएमए (जीएसएम असोसिएशन) और बीसीजी (बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मोबाइल अर्थव्यवस्था बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है और इसका भारत के जीडीपी में बड़ा योगदान होगा। टाॅवर टेलीकाॅम उद्योग का आधार हैं, जिनसे अंतिम उपभोक्ताओं को वाॅइस और डाटा कनेक्टिविटी मिलती है और यह भारत की वृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
No comments