भारत बंद : पूरे राजस्थान में यूं रहा बंद का आलम, जगह-जगह मचा बवाल
जयपुर। देशभर में आज भारत बंद के साथ ही बंद समर्थकों की ओर से जमकर प्रदर्शन भी किया। इस दौरान राजस्थान में भी कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की व्यापारियों के साथ कहासुनी भी हुई। वहीं कई स्थानों पर पुलिस के साथ भी झड़प हुई है। प्रदर्शन के दौरान बाड़मेर में दलित संगठनों और पुलिस में झड़प हो गई है। इस झड़प में 25 लोग घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले दागे। दूसरी तरफ करणी सेना भी दलितों के प्रदर्शन के विरोध में सड़कों पर उतर आई है, जिसकी वजह से दोनों गुटों के बीच भिड़ंत हो गई। सड़क पर दोनों गुट भिड़ गए। बाड़मेर में वाहनों को आग लगा दी गई।
वहीं राजधानी जयपुर में भी कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहनों के साथ तोड़फोड़ की गई है। वहीं जयपुर में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की कुछ व्यापारियों के साथ झड़पें भी हुई है। राजधानी के वीकेआई, सोडाला, रामबाग समेत शहर के मुख्य बाजारों एवं कई चौराहों पर झड़पें होने की खबरें हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए गए।
अजमेर में प्रदर्शनकारियों की ओर से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के तहत रैली के दौरान पहाड़गंज स्थित ट्राम्बे पर पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया गया, जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। इसी तरह से क्लॉक टॉवर थाने के सीआई पर भी पथराव कर दिया गया, जिसके बाद मौके पर भारी तादाद में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। जिला पुलिस कप्तान राजेन्द्र सिंह चौधरी ने हुड़दंग मचाने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश दिए, जिसके बाद अजमेर पुलिस ने डॉ राजकुमार जयपाल, पूर्व मेयर कमल बाकोलिया, पार्षद विजय नागौरा सहित कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इस बीच अजमेर के कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शनकारियोें के उग्र प्रदर्शन के चलते पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए लाटीचार्ज भी किया।
श्रीगंगानगर में आज भारत बंद के दौरान शहर के प्रमुख बाजार बंद रहे। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में दलित समुदाय के लोगों ने प्रमुख बाजारों में रैलियां निकाली। हाथों में लाठी डंडे लिए हुए युवकों ने कई दुकानों को जबरन भी बंद कराया, वहीं कई स्थानों पर तोड़फोड़ भी की गई। इसके अलावा अनेक स्थानों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। दलित समुदाय के लोगों के हुजूम को देखते हुए पुलिस ने बाजार में भारी मात्रा में जाप्ता तैनात किया। इस दौरान अंबेडकर चौक पर भी दलित समुदाय ने एक सभा का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस सहित अनेक दलों ने भी बंद को समर्थन दिया।
भीलवाड़ा में बंद समर्थकों ने रामधाम के सामने स्थित चित्तौडगढ़ से आने वाली ट्रेन को रोक दिया। बाद में पुलिस ने समझाइश कर समर्थकों को वहां से हटाया गया। बंद समर्थकों ने शहर में कई जगहों पर उग्र रूप अपनाते हुए दुकानों पर तोड़फोड़ की तो कई जगहों पर गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। प्रदर्शनकारियों ने सूचना केंद्र के पीछे चाय की थड़ी पर सामान फेंककर हैंडलूम व्यवसायी की दुकान के बाहर खड़ी स्कूटी गिरा दी। वहीं उन्होंने कर्मचारी से धक्का-मुक्की करते हुए उसे शटर से टकराकर चोटिल कर दिया गया। इसी तरह यूआईटी मार्केट में खड़ी वैन को पत्थर मारकर शीशे तोड़ दिए और महिला आश्रम के नजदीक स्टेशनरी की दुकान, गोल प्याऊ चौराहा, कावांखेड़ा चौराहा, बाजार नंबर दो, इंद्रा मार्केट, छोटी पुलिया के पास कलर पेंट की दुकान पर भी तोड़फोड़ की। वही प्रदर्शनकारियों ने टेक्सटाइल मार्केट में पथराव भी कर दिया।
जैसलमेर में हांलाकि बंद पूर्णतया असफल साबित रहा, लेकिन भीम सेना के कार्यकर्ताओं के उत्पात व जबरदस्ती के चलते दुकानदारों को प्रतिष्ठान बंद करने पड़े। शहर में तनावपूर्ण माहौल के बीच भीम सेना ने रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की। रैली का आगाज अंबेडकर पार्क से हुआ और गडीसर चौराहा, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक होते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। रैली के दौरान खुली दुकानों को देखकर भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाया और उनका सामान भी बाहर निकालकर फेंक दिया, जिसके चलते प्रतिष्ठानों में जबरदस्त नुकसान हुआ।
वहीं राजधानी जयपुर में भी कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहनों के साथ तोड़फोड़ की गई है। वहीं जयपुर में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की कुछ व्यापारियों के साथ झड़पें भी हुई है। राजधानी के वीकेआई, सोडाला, रामबाग समेत शहर के मुख्य बाजारों एवं कई चौराहों पर झड़पें होने की खबरें हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए गए।
अजमेर में प्रदर्शनकारियों की ओर से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के तहत रैली के दौरान पहाड़गंज स्थित ट्राम्बे पर पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया गया, जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। इसी तरह से क्लॉक टॉवर थाने के सीआई पर भी पथराव कर दिया गया, जिसके बाद मौके पर भारी तादाद में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। जिला पुलिस कप्तान राजेन्द्र सिंह चौधरी ने हुड़दंग मचाने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश दिए, जिसके बाद अजमेर पुलिस ने डॉ राजकुमार जयपाल, पूर्व मेयर कमल बाकोलिया, पार्षद विजय नागौरा सहित कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इस बीच अजमेर के कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शनकारियोें के उग्र प्रदर्शन के चलते पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए लाटीचार्ज भी किया।
श्रीगंगानगर में आज भारत बंद के दौरान शहर के प्रमुख बाजार बंद रहे। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में दलित समुदाय के लोगों ने प्रमुख बाजारों में रैलियां निकाली। हाथों में लाठी डंडे लिए हुए युवकों ने कई दुकानों को जबरन भी बंद कराया, वहीं कई स्थानों पर तोड़फोड़ भी की गई। इसके अलावा अनेक स्थानों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। दलित समुदाय के लोगों के हुजूम को देखते हुए पुलिस ने बाजार में भारी मात्रा में जाप्ता तैनात किया। इस दौरान अंबेडकर चौक पर भी दलित समुदाय ने एक सभा का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस सहित अनेक दलों ने भी बंद को समर्थन दिया।
भीलवाड़ा में बंद समर्थकों ने रामधाम के सामने स्थित चित्तौडगढ़ से आने वाली ट्रेन को रोक दिया। बाद में पुलिस ने समझाइश कर समर्थकों को वहां से हटाया गया। बंद समर्थकों ने शहर में कई जगहों पर उग्र रूप अपनाते हुए दुकानों पर तोड़फोड़ की तो कई जगहों पर गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। प्रदर्शनकारियों ने सूचना केंद्र के पीछे चाय की थड़ी पर सामान फेंककर हैंडलूम व्यवसायी की दुकान के बाहर खड़ी स्कूटी गिरा दी। वहीं उन्होंने कर्मचारी से धक्का-मुक्की करते हुए उसे शटर से टकराकर चोटिल कर दिया गया। इसी तरह यूआईटी मार्केट में खड़ी वैन को पत्थर मारकर शीशे तोड़ दिए और महिला आश्रम के नजदीक स्टेशनरी की दुकान, गोल प्याऊ चौराहा, कावांखेड़ा चौराहा, बाजार नंबर दो, इंद्रा मार्केट, छोटी पुलिया के पास कलर पेंट की दुकान पर भी तोड़फोड़ की। वही प्रदर्शनकारियों ने टेक्सटाइल मार्केट में पथराव भी कर दिया।
जैसलमेर में हांलाकि बंद पूर्णतया असफल साबित रहा, लेकिन भीम सेना के कार्यकर्ताओं के उत्पात व जबरदस्ती के चलते दुकानदारों को प्रतिष्ठान बंद करने पड़े। शहर में तनावपूर्ण माहौल के बीच भीम सेना ने रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की। रैली का आगाज अंबेडकर पार्क से हुआ और गडीसर चौराहा, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक होते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। रैली के दौरान खुली दुकानों को देखकर भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाया और उनका सामान भी बाहर निकालकर फेंक दिया, जिसके चलते प्रतिष्ठानों में जबरदस्त नुकसान हुआ।

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