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श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में हर्षोउल्लास पूर्वक मनाया महाशिवरात्रि महोत्सव

अजमेर। प्रेम प्रकाश आश्रम, वैशाली नगर, अजमेर में मंगलवार को भव्य महाशिवरात्रि महोत्सव हर्षोउल्लास पूर्वक मनाया गया। यह जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि स्वामी ब्रह्मानन्द जी महाराज के आशीर्वाद व प्रेरणा से स्वामी बसन्तराम सेवा ट्रस्ट एवं प्रेमियों की ओर से मनायेेे गये इस महाशिवरात्रि महोत्सव के अंतर्गत आश्रम प्रांगण में सजाई गई झांकियों का दर्शन करने के लिये सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में श्रृद्धालुओं का आवागमन होता रहा जो निरन्तर रात्रि तक अनवरत जारी रहा।

सुबह से ही आश्रम में शिवरात्रि के उपलक्ष में कार्यक्रमों का दौर प्रारंभ हुआ जिसके अन्तर्गत श्रद्धालुओं ने शिव भगवान के समक्ष पुष्प, बेल पत्र, जल आदि द्वारा पूजा अर्चना की और समस्त कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजस्थान सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी, सद्गुरू बालक धाम, किशनगढ़ के महंत श्यामलाल महाराज, प्रेम प्रकाश आश्रम, आदर्ष नगर के दादा नारायण दास जी एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भगवान शिव के अद्भुत स्वरूप पर अभिषेक कर आशीर्वाद लिया।

आश्रम परिसर में सजाए गए भगवान षिव के लीला स्वरूपों में भागीरथ द्वारा तपस्या कर लाई गई गंगा मैया को शिव भगवान का अपनी जटाओं में धारण करना, गंगा अवतरण का दर्शन, मार्केण्ड ऋषि द्वारा महामृृत्युंजय मंत्र जाप करने पर भगवान महाकाल द्वारा काल से रक्षा, कैलाश पर्वत पर शांत मुद्रा में विराजित शिवदर्शन की झांकी के साथ ही प्रेम प्रकाश मण्डलाचार्य सत्गुरू स्वामी टेऊँराम जी महाराज एवं ऐसी अन्य सुन्दर झांकियों को भी सजाया गया । श्रद्धालुओं द्वारा झांकियों को काफी सराहा भी गया।

सायंकालीन सत्संग सभा के अन्तर्गत शिवरात्रि की मान्यता के बारे में बताते हुए संत ओम प्रकाश शास्त्री ने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्य-रात्रि भगवान शंकर का ब्रह्म से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। तब से ही इस दिन को महाशिवरात्रि से जाना जाता है। शास्त्रों में शिवरात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

रात्रि 9 बजे से जागरण एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिनमें स्वामी टेऊँराम भजन मण्डली, सूरत से आये प्रताप तनवानी, जितेन्द्र हासानी, दिल्ली व मुम्बई से आए टी-सीरिज फेम हरीश रंगीला एवं राजू लालवानी ने अपने भजनों व गीतों द्वारा उपस्थित श्रद्धालुगणों को मन्त्रमुग्ध कर दिया।

रात्रि जागरण में चारों प्रहर श्रद्धालुओं द्वारा दूध, दही, शहद, जल व फलादि द्वारा शास्त्र विधि अनुसार विद्वान पंडितो के निर्देशन में शिवजी का रुद्राभिषेक किया गया। साथ ही हवन, भस्म आरती और भगवान शिव को तरह-तरह के व्यंजनों द्वारा छप्पन भोग के कार्यक्रम भी हुए। स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री द्वारा फोन पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया गया जिसमें उन्होंने शिवजी की सरलता के बारे में बताया कि वो धतूरे, बेल पत्र व जलाभषेक आदि से सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं बस अगाध श्रृद्धा का होना आवश्यक है। जागरण में काफी संख्या में श्रृद्धालु जन उपस्थित थे एवं जागरण का लाभ लिया। अन्त में सभी उपस्थित श्रृद्धालुओं को खीर प्रसाद का वितरण किया गया।

संत ओम प्रकाश ने बताया कि बुधवार को भी प्रातः 8 बजे से 1 बजे तक एवं सायं 4 से 9 बजे तक श्रद्धालुगण झाकियों का दर्शन कर सकेेंगे।

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