"करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के पति की हो जाएगी मौत"
नई दिल्ली। देशभर में आज सुहागिनें सुहाग का पर्व करवा चौथ मना रही हैं और पूरे दिन भूखे रहकर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करते हुए देर शाम चांद को देखकर अपना व्रत तोड़ेंगी। वैसे तो पूरे देश में आज का दिन सुहाग का पर्व करवा चौथ के रूप में मनाया जाता है, लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जहां आज के दिन कोई भी सुहागिन महिलाएं न तो व्रत रखती हैं और न ही मेहंदी लगाती हैं। यहां की सुहागिन महिलाओं में मान्यता है कि आज के दिन करवा चौथ का व्रत रखेंगी तो उनके पति की मौत हो जाएगी।
जी हां, ये बात सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो और आप यकीनन इस पर यकीन नहीं करेंगे, लेकिन ये बात सौ फीसदी सही है कि इस गांव की कोई भी सुहागिन महिलाएं आज के दिन करवा चौथ का व्रत रखती हैं। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक गांव सुरीर के मोहल्ला वघा में सैकडों विवाहिताओं के लिए करवा चौथ का त्यौहार कोई मायने नहीं रखता, क्योंकि एक सती के श्राप का भय उन्हें अपने पति की दीर्घायु की कामना के व्रत की इजाजत नहीं देता है। इसके कारण ही इस मोहल्ले की विवाहिताएं पिछले कई सालों से करवा चौथ का व्रत नहीं रखतीं।
ऐसा करने की वजह एक ऐसी महिला का श्राप बताया जा रहा है, जिसके पति की हत्या करवा चौथ के ही दिन उसकी आंखों के सामने कर दी गई थी। यहां की महिलाओं द्वारा करवा चौथ के दिन व्रत नहीं रखने के बारे में बताते हुए यहां की बुजुर्ग महिलाएं कहती हैं कि, एक बार करवा चौथ के दिन ही रामनगला गांव का एक व्यक्ति अपनी पत्नी को अपने सुसराल से लेकर अपने गांव लौट रहा था। दोनों पति-पत्नी एक भैंसा गाड़ी में बैठकर अपने गांव आ रहे थे, तभी रास्तें में भैंसा चोरी हो गया। गांव के लोगों ने पति पर भैंसा चोरी करने आरोप लगाते हुए उसे पीट-पीटकर मार डाला।
अपनी आंखें के सामने अपने पति की हत्या होती देख उसकी पत्नी ने गांव वालों को श्राप दे दिया कि इस क्षेत्र में जो भी महिला अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत करेंगी उसके पति की मौत हो जाएगी। गांव की बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि शुरू में उसके श्राप को किसी ने नहीं माना और अपने पति की लम्बी उम्र के लिए करवा चौथ के दिन व्रत रखा, जिसके बाद व्रत रखने वाली कई औरतों के पति की करवा चौथ के दिन ही रात को मौत हो गई। तभी से यहां की महिलाएं उस श्राप को मानने लगी और अब कोई भी महिला यहां करवा चौथ का व्रत नहीं रखतीं। यहां तक कि करवा चौथ वाले दिन तो महिलाएं श्रृंगार तक भी नहीं करती हैं।
जी हां, ये बात सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो और आप यकीनन इस पर यकीन नहीं करेंगे, लेकिन ये बात सौ फीसदी सही है कि इस गांव की कोई भी सुहागिन महिलाएं आज के दिन करवा चौथ का व्रत रखती हैं। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक गांव सुरीर के मोहल्ला वघा में सैकडों विवाहिताओं के लिए करवा चौथ का त्यौहार कोई मायने नहीं रखता, क्योंकि एक सती के श्राप का भय उन्हें अपने पति की दीर्घायु की कामना के व्रत की इजाजत नहीं देता है। इसके कारण ही इस मोहल्ले की विवाहिताएं पिछले कई सालों से करवा चौथ का व्रत नहीं रखतीं।
ऐसा करने की वजह एक ऐसी महिला का श्राप बताया जा रहा है, जिसके पति की हत्या करवा चौथ के ही दिन उसकी आंखों के सामने कर दी गई थी। यहां की महिलाओं द्वारा करवा चौथ के दिन व्रत नहीं रखने के बारे में बताते हुए यहां की बुजुर्ग महिलाएं कहती हैं कि, एक बार करवा चौथ के दिन ही रामनगला गांव का एक व्यक्ति अपनी पत्नी को अपने सुसराल से लेकर अपने गांव लौट रहा था। दोनों पति-पत्नी एक भैंसा गाड़ी में बैठकर अपने गांव आ रहे थे, तभी रास्तें में भैंसा चोरी हो गया। गांव के लोगों ने पति पर भैंसा चोरी करने आरोप लगाते हुए उसे पीट-पीटकर मार डाला।
अपनी आंखें के सामने अपने पति की हत्या होती देख उसकी पत्नी ने गांव वालों को श्राप दे दिया कि इस क्षेत्र में जो भी महिला अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत करेंगी उसके पति की मौत हो जाएगी। गांव की बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि शुरू में उसके श्राप को किसी ने नहीं माना और अपने पति की लम्बी उम्र के लिए करवा चौथ के दिन व्रत रखा, जिसके बाद व्रत रखने वाली कई औरतों के पति की करवा चौथ के दिन ही रात को मौत हो गई। तभी से यहां की महिलाएं उस श्राप को मानने लगी और अब कोई भी महिला यहां करवा चौथ का व्रत नहीं रखतीं। यहां तक कि करवा चौथ वाले दिन तो महिलाएं श्रृंगार तक भी नहीं करती हैं।
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