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देश में बजी GST की घंटी, संसद के सेन्ट्रल हॉल में राष्ट्रपति ने बटन दबाकर की लॉन्चिंग

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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी के लिए पिछले काफी समय से की जा रही कवायद आज मध्य रात्रि में उस समय सफल हो गई, जब संसद के सेन्ट्रल हॉल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बटन दबाकर जीएसटी की विधिवत एवं औपचारिक लॉन्चिंग की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वितत मंत्री अरूण जेटली समेत देशभर के सांसदों के साथ ही कई अतिथिगण एवं गणमान्य भी मौजूद रहे।

संसद के संयुक्त सत्र से इस ऐतिहासिक कर व्यवस्था को रात 12 बजे लॉन्च कर दिया गया। इसके साथ ही एक जुलाई से इसकी शुरुआत से 'एक देश, एक कर' की व्यवस्था साकार हो गई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी ने बटन दबाकर ठीक 12 बजे देशभर में जीएसटी लागू किया।

प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी का शुभारंभ करते हुए कहा कि जीएसटी एक ऐतिहासिक कदम है और इसके लागू करने के लिए सभी ने सकारात्मक रवैया अपनाया जो संतोष की बात है उन्होंने कहा कि देश में अब स्वस्थ स्पर्धा जारी होगी, जो निश्चित तौर पर आर्थिक विकास को गति देने में सहायक होगा यह ऐतिहासिक क्षण चौदह वर्ष की उस लंबी यात्रा की समाप्ति है, जो दिसंबर 2002 में शुरू हुई थी। आज आधी रात को 14 साल का सफर पूरा हो गया है। मैं उस समय वित्त मंत्री के रूप में जीएसटी की रूपरेखा तय करने में काफी करीब से शामिल रहा।

इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी एक ऐतिहासिक कदम है और ये एक संतोष की बात है। मैं गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से मिला और जीएसटी पर चर्चा की और जीएसटी मामले पर जटिल मामलों को सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सभी ने सकारात्मक रवैया अपनाया। मुझे इस बात का विश्वास था कि जीएसटी को लागू कर दिया जाएगा और मेरा विश्वास सही निकला। जीएसटी एक ऐतिहासिक कदम है और ये एक संतोष की बात है। मैं गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से मिला और जीएसटी पर चर्चा की और जीएसटी मामले पर जटिल मामलों को सुलझाने की कोशिश की। 

उन्होंने कहा कि सभी ने सकारात्मक रवैया अपनाया। मुझे इस बात का विश्वास था कि जीएसटी को लागू कर दिया जाएगा और मेरा विश्वास सही निकला। उन्होंने कहा कि देश में अब स्पर्धा जारी होगी। यह ऐतिहासिक क्षण चौदह वर्ष की उस लंबी यात्रा की समाप्ति है, जो दिसंबर 2002 में शुरू हुई थी। आज आधी रात को 14 साल का सफर पूरा हो गया है। मैं उस समय वित्त मंत्री के रूप में जीएसटी की रूपरेखा तय करने में काफी करीब से शामिल रहा।

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