बहरी बनी हुई है भाजपा सरकार, जिसे लोगों की चीख-पुकार नहीं सुनाई देती
नई दिल्ली। 30 जून यानि कल से लागू होने वाले जीएसटी को लेकर देशभर में कहीं विरोध तो किया जा रहा है तो कहीं जीएसटी को देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने वाला बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने जीएएसटी का बहिष्कार किए जाने का फैसला लिया है, जिसके चलते कांग्रेस भाजपा सरकार के इस फैसले को लेकर उसे घेरेगी। प्रचार के लिए भाजपा पर संसद के केन्द्रीय कक्ष का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह कल आधी रात होने वाले वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) समारोह का बहिष्कार करेगी।
राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद तथा मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में होने वाले जीएसटी के जश्न का कांग्रेस की ओर से बहिष्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि इस समारोह में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सरकार की ओर से मंच साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
संवाददाता सम्मेलन में गुलाम नबी और खडगे ने कहा कि केन्द्रीय कक्ष में आधी रात को अब तक आजादी से जुड़े समारोहों का ही आयोजन किया जाता रहा है। पहली बार ऐसा आयोजन 1947 में किया गया था। उसके बाद 1972 में आजादी की रजत जयंती पर और फिर 1997 में आजादी की स्वर्ण जयंती पर आधी रात को कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आजाद ने कहा कि भाजपा ने आजादी के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, इसलिए उसकी अहमियत का अंदाजा नहीं है।
इस दौरान मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि पब्लिसिटी के मामले में भाजपा मास्टर है और इस समारोह को आयोजन भी वह प्रचार पाने के लिए ही कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जनता के फायदे के लिए सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा तथा मनरेगा जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, लेकिन कभी भी आधी रात का समारोह आयोजित नहीं किया। ऐसे में जीएसटी का उत्सव मनाने की क्या जरूरत है। जीएसटी कानून में भविष्य में परिवर्तन भी हो सकता है।
वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्री तथा भाजपा के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों, दलितों की हत्याएं हो रही हैं, लेकिन उन पर कुछ नहीं किया जा रहा है। यह सरकार बहरी बनी हुई है, उसे लोगों की चीख-पुकार नहीं सुनाई देती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर क्षेत्र तक हालात बिगड़ रहे हैं, लेकिन सरकार का उस पर कोई ध्यान नहीं है।
राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद तथा मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में होने वाले जीएसटी के जश्न का कांग्रेस की ओर से बहिष्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि इस समारोह में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सरकार की ओर से मंच साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
संवाददाता सम्मेलन में गुलाम नबी और खडगे ने कहा कि केन्द्रीय कक्ष में आधी रात को अब तक आजादी से जुड़े समारोहों का ही आयोजन किया जाता रहा है। पहली बार ऐसा आयोजन 1947 में किया गया था। उसके बाद 1972 में आजादी की रजत जयंती पर और फिर 1997 में आजादी की स्वर्ण जयंती पर आधी रात को कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आजाद ने कहा कि भाजपा ने आजादी के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, इसलिए उसकी अहमियत का अंदाजा नहीं है।
इस दौरान मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि पब्लिसिटी के मामले में भाजपा मास्टर है और इस समारोह को आयोजन भी वह प्रचार पाने के लिए ही कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जनता के फायदे के लिए सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा तथा मनरेगा जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, लेकिन कभी भी आधी रात का समारोह आयोजित नहीं किया। ऐसे में जीएसटी का उत्सव मनाने की क्या जरूरत है। जीएसटी कानून में भविष्य में परिवर्तन भी हो सकता है।
वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्री तथा भाजपा के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों, दलितों की हत्याएं हो रही हैं, लेकिन उन पर कुछ नहीं किया जा रहा है। यह सरकार बहरी बनी हुई है, उसे लोगों की चीख-पुकार नहीं सुनाई देती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर क्षेत्र तक हालात बिगड़ रहे हैं, लेकिन सरकार का उस पर कोई ध्यान नहीं है।

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